नई दिल्ली। कांग्रेस ने चार राज्यों के विधानसभा चुनाव रोकने की बजाय लोकसभा चुनाव समय से पहले कराने का सरकार को आज सुझाव दिया और कहा कि इस मामले में मनमानी की र्गइ तो पार्टी इसे न्यायालय में चुनौती देगी।
कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत, कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ के प्रमुख विवेक तन्खा तथा राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने यहां संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि भारतीय जनता पार्टी यदि चार राज्यों के विधानसभा चुनाव रोककर वहां राष्ट्रपति शासन लगाने की सोच रही है तो वह गलत कर रही है और इसे न्यायालय में चुनौती दी जाएगी।
गहलोत ने कहा कि एक साथ चुनाव कराने की बात कर भाजपा सिर्फ राजनीतिक फायदा लेना चाहती है। यदि भाजपा के मन में चुनाव सुधार की भावना होती तो इस संंबंध में वह विपक्षी दलों से पहले बात करती, लेकिन उसे सिर्फ चुनावी लाभ अर्जित करना है। इसलिए एक साथ चुनाव की बात की जा रही है।
उन्होंने कहा कि चुनाव खर्च कम करने के प्रति भाजपा गंभीर है और इस वजह से चार राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ, मध्य प्रदेश और मिजोरम के चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ वह कराना चाहती है तो उसे समय से पहले लोकसभा भंग करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव के लिए तैयार है।
‘एक देश, एक चुनाव’ के मुद्दे पर विधि आयोग को पत्र लिखकर लोकसभा के साथ ही 12 राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने संबंधी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की अपील पर पार्टी महासचिव ने कहा कि कांग्रेस भी विधि आयोग जाने के लिए स्वतंत्र है।
गौरतलब है कि मिजोरम, राजस्थान, मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ विधानसभाओं के कार्यकाल फरवरी के प्रथम सप्ताह तक हैं, जबकि इसके दो माह बाद ही लोकसभा चुनाव हैं। लोकसभा के साथ ही तेलंगाना, ओडिशा, सिक्किम और आंध्र प्रदेश में चुनाव होते हैं, जबकि इसके चंद माह बाद हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव होंगे।