अजमेर। लोकसभा चुनाव परवान चढने के साथ भारतीय जनता पार्टी ने प्रचार के साथ अपने नेताओं को माहौल बनाए रखने में झोंक दिया है। बुधवार को प्रत्याशी भागीरथ चौधरी के मुख्य चुनाव कार्यालय पर पूर्व मंत्री एवं अजमेर दक्षिण विधायक अनिता भदेल तथा भाजपा अजमेर देहात जिलाध्यक्ष प्रो. बीपी सारस्वत ने संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेस के दौरान मंगलवार को हुई कांग्रेस प्रत्याशी की नामांकल रैली को विफल बताया।
भदेल व सारस्वत ने कहा कि अशोक गहलोत अपने ही कार्यकर्ताओं के सामने झूठ बोलते रहे कि हमने जो चुनाव में वादा किया है पूरा किया है लेकिन आज भी प्रदेश का किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में पंजीकृत नहीं हो पाया है। उसके साथ ही प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के खातों में बेरोजगारी भत्ता अभी तक नही मिला एवं 10 दिन में सम्पूर्ण कर्जा माफ करने वाले लोग अब 2 लाख पर आ गए हैं।
दोनों नेताओं ने संयुक्त रूप से कहा कि पुत्र मोह में फसें मुख्यमंत्री गहलोत ने अजमेर में आयोजित सभा की एक भी फोटो अपने ट्वीटर हेन्डल से अपलोड नही की जिसका अर्थ स्पष्ट है कि गहलोत खुद कांग्रेस की हार अजमेर की सीट पर स्वीकार कर चुके हैं। गहलोत ने खुद अपने भाषण में कहा की कांग्रेस प्रत्याशी जीतगें तो अजमेर आते-जाते रहेंगे। इसके मायने स्पष्ट है कि कांग्रेस के बाहरी प्रत्याशी का अजमेर से कोई लगाव नहीं रहने वाला है।
कांग्रेस प्रत्याशी की नामांकन सभा में जमकर मारपीट हुई एवं लात घूंसे चले। इसका प्रमाण समाचार पत्रों में छपी खबरें हैं। उस वक्त जब प्रत्याशी स्वयं उस स्थान पर मौजूद थे और रघु शर्मा मंच पर एकता का पाठ पढ़ा रहे थे। तब जो कुछ चल रहा था मौजूद लोगों ने खुद देखा।
कांग्रेस के नेता सौरभ बजाड़ व रामचन्द्र चौधरी इनकी नामांकन सभा से गायब रहे जबकि रामचन्द्र चौधरी ने टिकट मिलने की शर्त पर ही वापस कांग्रेस ज्वाइन की थी और इनके देहात उपाध्यक्ष सौरभ बजाड़ ने तो निर्दलीय फार्म खरीद कर अपनी नाराजगी जग जाहिर कर दी।
गहलोत ने अपने भाषण में यह साफ सदेंश दे दिया है कि अजमेर के कांग्रेस प्रत्याशी रिजु झुझुनवाला सचिन पायलट एवं रघु शर्मा के प्रत्याशी है। इसका मतलब उन्हें मजबूरन प्रत्याशी का साथ देना पड़ा एवं उन्हें मालूम है की कांग्रेस प्रत्याशी कमजोर हैं।
मीडिया के माध्यम से ही हम पता चला की अजमेर की सीट पर कांग्रेस ने कमजोर प्रत्याशी उतार दिया है और प्रत्याशी बदलने की चर्चाएं मीडिया में चली है लेकिन माहौल खराब ना हो इस वजह से कांग्रेस बैकफुट पर आ गई है और यह प्रत्याशी कांग्रेस के लिए अब गले की हड्डी साबित हो रहा हैं।
कांग्रेस के नामांकन सभा में जमकर सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग हुआ इसके बावजूद जो सभा 11 बजे होनी थी वह शाम 4 बजे हुई। इस सभा में मुठ्ठीभर लोग ही पहुंचे। सभा स्थल पर पानी की व्यवस्था भी नही थी जिससे सभा में उपस्थित महिलाओं को भरी गर्मी में प्यास के मारे परेशान होना पडा।
रघु शर्मा खुद बड़ी-बड़ी डिगें हाक रहे थे, फिर खुद क्यों अजमेर लोकसभा चुनाव से रणछोड़ हो गए। रघु शर्मा को पता था इस चुनाव में उनकी हार निश्चित है, क्योंकि आए दिन समाचार पत्रों में प्रदेश की स्वास्थय व्यवस्था चरमराने की खबरें आती रहती हैं।
कांग्रेस प्रत्याशी की सास व पूर्व मंत्री बीना कॉक तो खुद अपने भाषण में कह रही थीं कि हम तो भीलवाड़ा से चुनाव लड़ना था लेकिन पायलट व रघु शर्मा की जिद की वजह से हम अजमेर आना पड़ा। मतलब साफ है कि स्वयं कांग्रेस प्रत्याशी एवं उनका परिवार इनकी आला कमान के निर्णय में फंस गए हैं।
गहलोत के पूर्व प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी की बडाई करने वाले बयान पर अनिता भदेल व सारस्वत ने कहा कि इन्दिरा गांधी द्वारा देश पर 1975 में थोपी गई ईमरजंसी को भी देश नहीं भूला है कि किस प्रकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया पर ताल लगाने का काम किया था और राष्ट्र की सेवा में लगे नेताओं को जेल में बन्द कर दिया गया था।
कांग्रेस ने आदर्श आचार संहिता का उल्लघंन किया, जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय परिसर में धारा 144 का उल्लघंन हुआ। जिसमें 30-40 कांग्रेसी कार्यकर्ता प्रत्याशी के साथ नामांकन दर्ज कराने गये एवं कांग्रेस जिन्दाबाद के नारे लगाए।
कांग्रेस प्रत्याशी ने नामांकन के समय ही तय कर दिया था कि वह अजमेर के कांग्रेसी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं पर भरोसा नहीं करते। वे कांग्रेस के रीति नीति परिवारवाद की राजनीति को बढावा देने में लगे हैं। उनके नामांकन के समय परिवार वाले कक्ष में मौजूद थे जबकि कांग्रेसी कार्यकर्ता कक्ष के बाहर थे। कांग्रेस ने स्थानीय कार्यकर्ताओं को दरकिनार करते हुए एक बाहरी प्रत्याशी को धन बल पर अजमेर लाकर थोपा।
जिला निर्वाचन अधिकारी को भाजपा द्वारा लिखित में आचार संहिता के उल्लघंन करने के क्रम में शिकायत देकर प्राप्ति रसीद प्राप्त की थी किन्तु जिला निर्वाचन अधिकारी के बयान पर आश्चर्य होता है कि उनकी नाक के नीचे आचार संहिता की धज्जिया उड़ती रहीं और वह खुद कांग्रेसी एजेन्ट बनकर तमाशा देखते रहे।
कांग्रेस की आपसी फूट जग जाहिर हो चुकी है यह चाहे कितना भी एकता का पाठ पढा लें लेकिन अजमेर की जनता इनके बहकावे में नहीं आने वाली है और 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा प्रत्याशी भागीरथ चौधरी को राजस्थान में सर्वाधिक मतों से जीताकर दिल्ली में नरेन्द्र मोदी के हाथ मजबूत करेगी।
नेहरू परिवार ने भारत को कमजोर करने का काम किया है। आज नेशनल कांफ्रेस के नेता कश्मीर को देश से अलग करने की बात कर रहे हैं। अलग प्रधानमंत्री बनाने की बात कर रहे हैं। इस पर कांग्रेस क्या खामोश है? कहीं ना कहीं कांग्रेस की मौन सहमति देश विरोधी ताकतों के साथ है।
281 करोड़ का अवैद्य लेन-देन मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के ओएसडी के पास ईडी को मिला है वो चुनाव के समय कहा से आया कांग्रेस पार्टी के काले कारनामे जग-जाहिर हो चुके हैं। काले कारनामे करने वाले लोग पकड़े जाने के डर से नोट बन्दी में चिल्ला रहे थे।
कांग्रेस का जीजा पीतल का व्यवसायी था जो लखपति भी नहीं था वो आज अरबपति जमीनों के अवैध लेन-देन से बना है। भाजपा ने 75 बिन्दुओं का संकल्प पत्र जारी कर 75 संकल्प लिए हैं जो आजादी की 75 वीं वर्षगाठ तक पूर कर दिए जाएंगे। कांग्रेस के बाहरी प्रत्याशी को अजमेर की जनता नकार चुकी हैं।