नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवायी में विपक्ष के चक्रव्यूह को तोड़ते हुए लोकसभा चुनाव में 300 से अधिक सीटें हासिल कर एक बार फिर इतिहास रच दिया और देश के पश्चिम तथा उत्तरी भाग में ही नहीं बल्कि पूर्वी हिस्से में भी विरोधियों के पैर उखाड़ कर परचम लहरा दिया।
मोदी की चुनावी सुनामी पर सवार भाजपा लोकसभा में लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत हासिल करने वाली पार्टी बन गई है। ऐसा करने वाली वह कांग्रेस के बाद दूसरी पार्टी है। ‘मोदी सुनामी’ के चलते दक्षिण के तीन राज्यों को छोड़कर पूरा देश मोदीमय हो गया।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी की हार स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री मोदी को भाजपा की शानदार जीत के लिए बधाई दी है। कई देशों के नेताओं ने भी उन्हें परिणाम पूरी तरह घोषित होने से पहले ही बधाई दे दी।
मोदी की लोकप्रियता के आगे एक बार फिर कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों की तमाम रणनीति और लुभावने वादे धराशायी हो गए। कांग्रेस करीब एक दर्जन राज्यों में अपना खाता भी नहीं खोल पाई हैं। उसे 52 सीटें मिल रही हैं और इस बार भी उसे लोकसभा में विपक्ष के नेता का दर्जा मिलना मुश्किल है।
उसके नौ पूर्व मुख्यमंत्री और कई अन्य दिग्गज नेता चुनाव हार गए। यहां तक कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को भी एक सीट अमेठी पर हार का स्वाद चखना पड़ा यद्यपि वह केरल की वायनाड सीट से जीत हासिल की हैं। केरल और पंजाब ने कुछ हद तक कांग्रेस की लाज बचा ली है नहीं तो उसका प्रदर्शन पिछली बार से भी नीचे जा सकता था।
मोदी के करिश्मे के बल पर भाजपा को पहली बार 303 सीटें मिल रही हैं और वर्ष 1971 के बाद यह दूसरा मौका होगा जब किसी प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उनकी पार्टी की लगातार दूसरी बार बहुमत की सरकार बनेगी। मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की जोड़ी के नेतृत्व में भाजपा ने जो बुलंदी हासिल की है उसके सामने अटल-आडवाणी की उपलब्धि भी धूमिल हो गई। पार्टी ने पश्चिम और उत्तर भारत के अधिकतर राज्यों में लगातार दूसरी बार अपना एकक्षत्र वर्चस्व कायम किया, वहीं बिहार और महाराष्ट्र में अपने सहयोगियों के साथ मिलकर विरोधियों का पूरी तरह सफाया कर दिया।
मोदी ने वाराणसी और शाह ने गांधीनगर सीट पर भारी मतों से जीत हासिल की है। पार्टी के सभी दिग्गज नेता भी चुनाव जीतने में सफल रहे हैं। इस चुनाव में प्रचंड जीत के बावजूद भाजपा तमिलनाडु, आन्ध्र प्रदेश और केरल जैसे राज्यों में खाता नहीं खोल पाई।
भाजपा पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के किले को तोड़कर 18 सीटों पर जीत हासिल की है जबकि पिछली बार उसे यहां से सिर्फ दो सीटें मिली थी। राज्य में तृणमूल कांग्रेस को 22 सीटें मिल रही हैं और शेष दो सीटें कांग्रेस के खाते में गई हैं। वाम दलों का वहां सूपड़ा साफ हो गया है। ओडिशा में भी भाजपा नम्बर दो पार्टी बनकर उभरी है। उसे 21 सीटों में से 8 सीटें मिल रही हैं जबकि राज्य में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल को 12 सीटों पर और कांग्रेस को एक सीट पर सफलता मिल रही हैं जबकि कांग्रेस को एक सीट मिल रही है।
उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के गठबंधन को भी धत्ता बताकर भाजपा 62 सीटों पर जीत दर्ज कर रही है जबकि दो सीटें उसकी सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) को मिल रही हैं। बसपा को 10, सपा को पांच, तथा कांग्रेस को एक सीट मिल रही है। पिछली बार भाजपा को राज्य में 71 सीटों पर जीत मिली थी और दो सीटें अपना दल सोनेलाल को मिली थी। उस समय बसपा और सपा ने अलग अलग चुनाव लड़ा था।
गत दिसम्बर में कांग्रेस के हाथों तीन राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ को गंवाने वाली भाजपा ने इस चुनाव में उसे करारा जवाब दिया है और इन राज्यों की लगभग सभी सीटों पर जीत हासिल की है। इसे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए खतरे की घंटी माना जा रहा है।
मध्य प्रदेश में भाजपा 29 में से 28 सीटें जीत हासिल की हैं और कांग्रेस को सिर्फ एक सीट पर संतोष करना पड़ा है। राजस्थान में कांग्रेस का इस बार भी खाता नहीं खुल पाया है और श्री गहलोत के पुत्र को भी हार का सामना करना पड़ा है। राज्य में भाजपा को 25 में से 24 सीटें मिली हैं जबकि एक सीट राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के खाते में गयी है।
बिहार में भी भाजपा ने अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ शानदार प्रदर्शन किया है। उसके गठबंधन को 40 में से 39 सीटें मिली हैं जिनमें भाजपा 17, जद यू 16 तथा लोकजनशक्ति पार्टी की 6 सीटें शामिल हैं।
महागठबंधन का राज्य में सफाया हो गया है और इसमें शामिल केवल कांग्रेस को ही एक सीट मिली है। राष्ट्रीय जनता दल और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का खाता तक नहीं खुल पाया है। कम्युनिस्ट पार्टी के चर्चित उम्मीदवार कन्हैया कुमार भी बेगुसराय सीट से बुरी तरह हार गये।
आन्ध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस ने तेलुगु देशम पार्टी को करारी शिकस्त देते हुए राज्य में सत्ता से बाहर कर दिया है और लोकसभा चुनाव में भी उसका सूपड़ा साफ कर दिया है। उसे लोकसभा की 25 में से 22 सीटें मिल रही हैं। तेदेपा को सिर्फ तीन सीटों से संतोष करना पड़ेगा।
कांग्रेस और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) का गठबंधन तमिलनाडु में शानदार प्रदर्शन कर रहा है। एम करुणानिधि के निधन के बाद उनके बेटे स्टालिन के नेतृत्व में द्रमुक ने जबरदस्त वापसी की है। पार्टी को 23 सीटें मिल रही हैं जबकि कांग्रेस को 8 सीटें मिल रही हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी को दो और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी को दो सीटें मिल रही हैं। राज्य में सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक को भारी नुकसान झेलना पड़ा है और उसे केवल एक सीट से संतोष करना पड़ रहा है। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग को एक सीट जबकि एक सीट वीसीके को मिली रही है।
महाराष्ट्र में भी भाजपा-शिवसेना गठबंधन शानदार जीत दर्ज कर रहा है। राज्य की 48 में से 23 सीटों पर भाजपा तथा 18 पर शिवसेना जीत रही है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को चार, कांग्रेस को एक , निर्दलीय एक और एआईईएम को एक सीट मिली है।
भाजपा कर्नाटक में कांग्रेस-जद एस गठबंधन को जबरस्त पटखनी देते हुए राज्य की 28 में से 25 सीटें जीती है। कांग्रेस और जद एस को एक -एक सीट से संतोष करना पड़ रहा है जबकि एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार को मिली है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को गुलबर्गा सीट से हार का सामना करना पड़ा है।
गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड तथा हिमाचल प्रदेश में भाजपा ने अपना पिछला प्रदर्शन दोहराते हुए सीधी लड़ाई में कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया है। वह गुजरात में सभी 26, हरियाणा में सभी 10, दिल्ली में सभी 7 , उत्तराखंड में सभी 5 और हिमाचल प्रदेश की सभी 4 सीटों पर जीत हासिल की है। छत्तीसगढ़ में 11 में से 9 सीटें उसकी झोली मेंं गयी हैं जबकि दो सीटें कांग्रेस को मिली हैं।
चुनाव परिणाम धीमी गति से आ रहे हैं अभी तक 502 सीटों के परिणाम आये हैं जिनमें से 288 भाजपा के पक्ष में गये हैं और 15 सीटों पर उसके उम्मीदवार ने भारी बढ़त बनाये हुए हैं। उसकी गठबंधन सहयोगी शिवसेना को 18 , जनता दल (यू) को 16 तथा लोक जनशक्ति पार्टी को छह सीटें मिल रही हैं। कांग्रेस को 52 सीटें मिल रही हैं तथा उसके सहयोगी दलों जनता दल एस को एक, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को पांच, नेशनल कांफ्रेन्स को तीन और द्रमुक को 23 सीटें मिल रही हैं। तेलंगाना राष्ट्र समिति को 9, बहुजन समाज पार्टी को 10, समाजवादी पार्टी को 5 सीटें मिल रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह , गृह मंत्री राजनाथ सिंह , संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी , केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी सहित कई दिग्गज नेता भारी बढत के साथ चुनाव जीत रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी से चुनाव हार गए हैं। हालांकि उन्हें वायनाड सीट पर जीत हासिल हो रही है। कांग्रेस के कईं पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कईं पूर्व मुख्यमंत्रियों को पराजय का सामना करना पड़ा है।