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Lok Sabha election results 2019 : rajasthan 13 seats results live-लोकसभा चुनाव परिणाम : राजस्थान में कांग्रेस का लगातार दूसरी बार सूफड़ा साफ - Sabguru News
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लोकसभा चुनाव परिणाम : राजस्थान में कांग्रेस का लगातार दूसरी बार सूफड़ा साफ

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लोकसभा चुनाव परिणाम : राजस्थान में कांग्रेस का लगातार दूसरी बार सूफड़ा साफ

जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी ने अपने सहयोगी दल के साथ लोकसभा की सभी 25 सीटों पर जीत दर्ज करके लगातार दूसरी बार कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया।

भाजपा ने अपने 16 सांसदों को दुबारा मौका दिया और अन्य पर नए चेहरे उतारे, लेकिन जनता ने सब पर मोहर लगा दी। मोदी लहर में केंद्र सरकार के प्रति सत्ता विरोधी असर कहीं नहीं देखा गया और सांसदों की नाराजगी को भी नजरअंदाज करने के साथ जातिगत बंधन भी टूट गए।

करीब पांच महीने पहले कांग्रेस को सिर आंखों पर बिठाने वाली जनता ने उसे धरातल पर ला दिया तथा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत, पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह सहित कई दिग्गज बुरी तरह हार गए। अलवर और अजमेर में उपचुनाव में भाजपा को हराने वाली कांग्रेस को इस चुनाव में कोई सफलता नहीं मिली।

दौसा और करौली-धौलपुर को छोड़कर सभी सीटों पर भाजपा उम्मीदवार एक लाख से लेकर पांच लाख से अधिक मतों के अंतर से विजयी रहे तथा भीलवाड़ा में सुभाष बेहड़िया ने कांग्रेस के रामपाल शर्मा को हराकर छह लाख से अधिक मतों का रिकॉर्ड बनाने में कामयाब रहे।

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह ने भी अपना पिछला रिकॉर्ड सुधारते हुए चार लाख 53 हजार 928 मतों से जीत दर्ज की। इसके विपरीत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से दो लाख 74 हजार 440 मतों से चुनाव हार गए।

सांसद कर्नल सोनाराम का टिकट काटने से कमजोर मानी जा रही बाड़मेर सीट भी बचाने में भाजपा कामयाब रही। यहां पूर्व विधायक कैलाश चौधरी ने कांग्रेस के मानवेंद्र सिंह को तीन लाख 23 हजार 808 मतों के बड़े अंतर से हराया।

भाजपा ने जाट बहुल बीकानेर, सीकर, झुंझुनू, चूरु, गंगानगर, जयपुर ग्रामीण सीट को भी अपने कब्जे में ले लिया और सहयोगी दल के साथ नागौर सीट भी जीत ली।

केंद्रीय मंत्री राज्यवर्द्धन सिंह ने विधायक एवं पूर्व ओलम्पियन कृष्णा पूनिया को तीन लाख 89 हजार 403 मतों हराया। इसी तरह पाली में केंद्रीय मंत्री पी पी चौधरी ने पूर्व सांसद बद्री जाखड़ को चार लाख 77 हजार 378 मतों से हराया।

बीकानेर में भाजपा के दिग्गज नेता देवी सिंह भाटी के कड़े विरोध के बावजूद केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल चुनाव जीतन में सफल रहे उन्होंने अपने मौसेरे भाई मदन गोपाल मेघवाल को एक लाख 58 हजार से अधिक मतों से हराया।

चूरु में भाजपा के राहुल कस्वां कांग्रेस रफीक मंडेलिया को तीन लाख 34 हजार 402 मतों से हराकर दूसरी बार सांसद बनने में कामयाब रहे। इस सीट पर कस्वां के पिता रामसिंह कस्वां चार बार सांसद रहे चुके हैं।

पूर्व केंद्रीय मंत्री निहालचंद मेघवाल गंगानगर से कांग्रेस के भरतराम मेघवाल को चार लाख छह हजार 978 मतों के भारी अंतर से परास्त करके पांचवी बार सांसद बनने में कामयाब हुए।

झुंझुनू में भाजपा ने मौजूदा सांसद संतोष अहलावत का टिकट काटकर विधायक नरेंद्र खींचड़ को किस्मत आजमाने का मौका दिया जिन्होंने कांग्रेस के श्रवण कुमार को तीन लाख से अधिक मतों से हराकर पार्टी की सीट बरकरार रखी।

सीकर में भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थामने वाले सुभाष महरिया को सुमेधानंद सरस्वती से कड़ी मात खानी पड़ी। सरस्वती दो लाख 90 हजार 659 मतों से जीतकर लगातार दूसरी बार सांसद चुने गए। इसी तरह अलवर में पहली बार चुनाव मैदान में उतरे बाबा बालकनाथ ने भी कांग्रेस के भंवर जितेंद्र सिंह को तीन लाख 23 हजार 786 मतों से हराया।

कोटा में ओम बिड़ला ने कांग्रेस के पूर्व सांसद रामनारायण मीणा को दो लाख 79 हजार से अधिक मतों से तथा टोंक सवाई माधोपुर सुखबीर सिंह जौनपुरिया ने पूर्व केंद्रीय मंत्री कांग्रेस के नमोनारायण मीणा को एक लाख 11 हजार 219 मतों से हराया। विधानसभा चुनाव में टोंक से उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट भारी मतों से चुनाव जीते थे।

अजमेर में कांग्रेस ने उपचुनाव में विजय हासिल की थी तथा यह क्षेत्र पायलट के प्रभाव का भी रहा है, लेकिन यहां पूर्व विधायक भागीरथ चौधरी कांग्रेस के नए चेहरे रिजू झुंझुनूवाला को चार लाख 16 हजार 424 मतों से हराने में कामयाब रहे।

आदिवासी क्षेत्र में भी भाजपा का दबदबा रहा तथा बांसवाड़ा-डूंगरपुर में कनकमल कटारा ने कांग्रेस के चार बार सांसद रहे ताराचंद भगोरा को तीन लाख पांच हजार 464 और उदयपुर में मौजूदा सांसद अर्जुन लाल मीणा ने पूर्व सांसद रघुवीर मीणा को चार लाख 37 हजार 914 मतों से हराया।

राजसमंद में जयपुर राजघराने की दीया कुमारी ने लोकसभा का पहली बार चुनाव लड़कर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष देवकीनंदन गुर्जर को पांच लाख 51 हजार 916 मतों से हराया। सवाई माधोपुर से विधायक रहीं दीया कुमारी को पिछले विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिल पाई थी।

कमजोर मानी जाने वाली भरतपुर में भी भाजपा झंडे गाड़ने में कामयाब रही जहां रंजीता कोली ने कांग्रेस के अभिजीत जाटव को तीन लाख 18 हजार 399 मतों से हराया। चित्तौड़गढ़ में सांसद सीपी जोशी कांग्रेस के गोपाल सिंह ईडवा को पांच लाख 76 हजार 247 मतों से हराने में कामयाब रहे।

जालौर में भाजपा के देवजी पटेल कांग्रेस के रतन देवासी को दो लाख 61 हजार 110 मतों से हराकर तीसरी बार संसद में पहुंचने में सफल रहे। भाजपा ने इस बार नागौर में केंद्रीय मंत्री सी आर चौधरी पर भरोसा नहीं कर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल से हाथ मिलाया जिन्होंने कांग्रेस की पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा को एक लाख 81 हजार मतों से हराकर जीत हासिल की।

दौसा में सांसद हरीश मीणा के कांग्रेस में शामिल होने से भाजपा के सामने उम्मीदवार चयन को लेकर काफी गतिरोध रहा तथा राज्य सभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा की दखलंदाजी के बावजूद पूर्व केंद्रीय मंत्री जसकौर मीणा टिकट लेने में कामयाब रहीं तथा उन्होंने कांग्रेस की सविता मीणा को 78 हजार 444 मतों से हराया।

करौली धौलपुर सीट को भी भाजपा के लिये कमजोर माना जा रहा था, लेकिन सांसद मनोज राजोरिया ने अपना पिछला रिकॉर्ड सुधारते हुए कांग्रेस के संजय जाटव को 97 हजार 682 मतों से मात दी।