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Lok Sabha elections 2019 : All eyes are now turned to Jodhpur Lok Sabha constituency making it the hottest seat this election-लोकसभा चुनाव : राजस्थान की जोधपुर संसदीय सीट पर टिकीं सबकी नजरें - Sabguru News
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लोकसभा चुनाव : राजस्थान की जोधपुर संसदीय सीट पर टिकीं सबकी नजरें

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लोकसभा चुनाव : राजस्थान की जोधपुर संसदीय सीट पर टिकीं सबकी नजरें
Gajendrasingh Shekhawat vs Vaibhav Gehlot
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जयपुर। राजस्थान में पहले चरण में 29 अप्रेल को तेरह लोकसभा सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए प्रचार परवान चढ़ा हुआ है जिनमें से जोधपुर सीट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत के चुनाव मैदान में होने से सबसे ज्यादा चर्चित बनी हुई है।

कांग्रेस प्रत्याशी वैभव गहलोत का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से है जहां भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चुनाव सभा कर चुके हैं वहीं कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में राज्य के मुख्यमंत्री गहलोत ने खुद कमान संभाल रखी है और अब तक कई दौरे कर चुके हैं।

इसी तरह उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता अविनाश पांडे के अलावा जातिगत समीकरण के साधने के लिए हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस नेता कुलदीप विश्नोई, आनंद शर्मा, नवजोत सिंह सिद्दू, अश्क अली टांक तथा अन्य नेता चुनाव प्रचार में उतरे हैं। पार्टी के अन्य कई नेताओं के भी दो दिन में कई दौरे होने की संभावना है।

इसी तरह भाजपा के पक्ष में भी भाजपा के कई नेताओं के दौरे हो रहे हैं और चुनाव प्रचार का शोर परवान चढा हुआ है। इस कारण राज्य में पहले चरण में तेरह सीटों में सबसे ज्यादा चर्चित सीट जोधपुर सीट नजर आ रही है। यहां कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का दौरा नहीं हुआ है लेकिन अन्य कई नेताओं का प्रचार के लिए आने जाने का सिलासिला जारी है, जिसने सबका ध्यान खींच रखा है।

मोदी ने अपनी जोधपुर चुनाव सभा में गहलोत पर हमला बोलते हुए वंशवाद का आरोप लगाया। इसी तरह भाजपा के अन्य नेताओं ने भी गहलोत को राज्य के वैभव की परवाह नहीं है उन्हें सिर्फ अपने वैभव को बचाने की चिंता का आरोप लगाया। इसके जवाब में गहलोत ने मोदी पर तंज कसा कि मोदीजी के बेटा नहीं, इसलिए वे कैसे समझेंगे कि बेटे के लिए बाप नहीं घूमेगा तो कौन घूमेगा।

राज्य में इस बार लोकसभा चुनाव में बुनियादी एवं स्थानीय मुद्दे गौण नजर आ रहे हैं। आरोप प्रत्यारोप का दौर ज्यादा चल रहा है। इस बार भाजपा की तरफ से एक बार फिर मोदी का नारा दिया जा रहा है जबकि कांग्रेस केन्द्र की मोदी सरकार पर पांच वर्ष में देश में कुछ नहीं करने, सेना के नाम पर वोट मांगने आदि आरोप लगा रही है।

राज्य में कांग्रेस की सरकार होने पर वह अपनी कर्जा माफ, बेराेजगारी भत्ता देने सहित कई उपलब्धियां भी गिना रहे हैं। इसके अलावा केन्द्र में कांग्रेस की सरकार आने पर सबके साथ ‘न्याय’ करने का वादा भी कर रहे है।

प्रदेश में पहले चरण में जोधपुर के अलावा बाड़मेर-जैसलमेर में पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह के पुत्र और पूर्व सांसद मानवेन्द्र सिंह इस बार कांग्रेस प्रत्याशी के रुप में चुनाव मैदान में हैं, जहां उनका मुकाबला भाजपा के पूर्व विधायक कैलाश चौधरी से हैं। मानवेन्द्र चौथी बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं और वह वर्ष 2004 में भाजपा प्रत्याशी के रुप में सांसद रह चुके हैं।

उनके पिता पिछले चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़कर दूसरे स्थान पर रह चुके हैं। उनके राजनीतिक प्रभुत्व के कारण वह भाजपा प्रत्याशी के लिए कड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं। मानवेन्द्र का जातिगत समीकरण के कारण भी अपने समाज के राजपूत के साथ कांग्रेस के परम्परागत मतों के मिलने की उम्मीद के कारण वह अपनी स्थिति मजबूत बता रहे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र सांसद दुष्यंत सिंह झालावाड़-बारां से चौथी बार चुनाव मैदान में भाजपा प्रत्याशी है और उनका मुकाबला कांग्रेस के नये चेहरे प्रमोद शर्मा से हैं। झालावाड़ में राजे के लगातार पांच चुनाव जीतने के बाद उनके बेटे ने लगातार तीन चुनाव जीते हैं, ऐसे में इस बार भी वहां दुष्यंत के लिए कोई मुश्किलें नजर नहीं आ रही हैं।

पाली से भाजपा प्रत्याशी केन्द्रीय मंत्री पीपी चौधरी का मुकाबला कांग्रेस के पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़ से हैं। इन दोनों प्रत्याशियों में सीधा मुकाबला माना जा रहा है और जाखड़ इस बार चौधरी को कड़ी टक्कर दे रहे हैं।

इसी तरह जालोर से दो बार सांसद चुने गए भाजपा के देवजी एम पटेल का मुकाबला कांग्रेस के नए चेहरे पूर्व विधायक रतन देवासी है जहां दोनों में सीधा मुकाबला बताया जा रहा है लेकिन क्षेत्र में पिछले पांच साल में पटेल के कम नजर आने की शिकायत का फायदा देवासी को मिलने की संभावाना ने दोनों में कड़ी टक्कर पैदा कर दी है।

उदयपुर से भाजपा के सांसद अर्जुन लाल मीणा का मुकाबला कांग्रेस के पूर्व सांसद रघुवीर मीणा से हैं जहां भी दोनों प्रत्याशियों में सीधा मुकाबला होता नजर आ रहा है। भीलवाड़ा में भाजपा के सांसद सुभाष बहेड़िया का मुकाबला कांग्रेस के नया चेहरा रामपाल शर्मा से हैं। जीत की तिकड़ी के लिए चुनाव मैदान में उतरे बहेड़िया के लिए इस बार भी सामने नया चेहरा होने एवं मोदी लहर के कारण कोई ज्यादा समस्या नजर नहीं आ रही है।

कोटा में भाजपा के सांसद ओम बिड़ला इस बार दूसरी बार चुनाव मैदान में है, उनका कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व सांसद रामनारायण मीणा से सीधा मुकाबला हैं। मीणा के राजनीतिक प्रभुत्व के चलते दोनों में चुनावी मुकाबला कड़ा हो सकता है। राजसमंद से भाजपा प्रत्याशी एवं पूर्व जयपुर राजघराने की राजकुमारी दीया कुमारी का मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी के नए चेहरे देवकी नंदन गुर्जर से हैं। दोनों नए चेहरे होने के कारण दोनों में कड़ा चुनावी मुकाबला होने की संभावना है।

इसी तरह टोंक-सवाईमाधोंपर में भाजपा के सांसद सुखवीर सिंह जौनपुरिया और कांग्रेस उम्मीदवार पूर्व केन्द्रीय मंत्री नमोनारायण मीणा के बीच सीधा मुकाबला है। दोनों प्रत्याशियों में कड़ी टक्कर बताई जा रही है। चित्तौड़गढ में भी भाजपा के सांसद चन्द्र प्रकाश जोशी और कांग्रेस के पूर्व सांसद गोपाल सिंह ईडवा के बीच मुख्य मुकाबला है।

इन तेरह सीटों में बांसवाड़ा में मुकाबला त्रिकोणीय बनता नजर आ रहा है जहां भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद कनकमल कटारा और कांग्रेस के तीन बार सांसद रहे ताराचंद भगोरा तथा भारतीय आदिवासी पार्टी के कांति लाल रोत के बीच होने की संभावना है। हालांकि अपने राजनीतिक प्रभुत्व के कारण भगाेरा मजबूत उम्मीदवार माने जा रहे हैं लेकिन युवाओं में मोदी लहर के चलते कटरा उन्हें कड़ी टक्कर दे सकते हैं।

पहले चरण में इन सीटों पर इन दोनों प्रमुख दलों एवं बीटीपी के अलावा बहुजन समाज पार्टी सहित अन्य दलों तथा निर्दलीयों सहित कुल 113 उम्मीदवार अपने चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं जिनमें भाजपा की दीया कुमारी सहित सात महिला प्रत्याशी शामिल हैं।