कोटा। राजस्थान के कोटा में लोकसभा चुनावों में अब तक भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों प्रमुख दलों में बराबर की टक्कर रही है और इस बार जहां भाजपा की चुनावी प्रतिष्ठा दांव पर लगी है वहीं कांग्रेस के सामने फिर से राजनीतिक प्रभुत्व कायम करने की चुनौती होगी।
पहले चरण में उन्नतीस अप्रेल को होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कोटा-बूंदी से मौजदूा सांसद ओम बिड़ला को दुबारा चुनाव मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस ने पूर्व सांसद एवं विधायक रामनारायण मीणा पर फिर दांव खेला है। बिड़ला ने पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार इज्यराज सिंह को दो लाख से अधिक मतों से हराया था।
वह तेरहवीं राजस्थान विधानसभा में विधायक भी रह चुके है, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी मीणा वर्ष 1998 में बारहवीं लोकसभा चुनाव में कोटा से सांसद चुने गए थे। वह पिछले विधानसभा चुनाव में कोटा जिले की पीपल्दा विधानसभा सीट पर विधायक निर्वाचित हुए।
बिड़ला केन्द्र की मोदी सरकार की उपलब्धियों एवं गत दिनों पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद देश में बदलते माहौल के कारण अपनी जीत के दावे कर रहे हैं वहीं मीणा राज्य में कांग्रेस की सरकार तथा उसके द्वारा किसानों की कर्ज माफी, बेरोजगारों को भत्ता तथा अन्य उपलब्धियों तथा अपने राजनीतिक प्रभुत्व के कारण जीत के प्रति आशान्वित है।
हालांकि चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरु होने में एक दिन शेष है वहीं अब तक इन दोनों प्रमुख दलों के अलावा अन्य किसी दल की तरफ से कोई प्रत्याशी सामने नहीं आने से अभी उम्मीदवारों की स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है, लेकिन इस बार भी मुकाबला इन दोनों प्रमुख दलों के बीच ही होने की संभावना है।
हालांकि भाजपा की गत विधानसभा चुनाव में कोटा संसदीय क्षेत्र में आने वाली आठ विधानसभा सीटों में पांच में जीत दर्ज कर अपनी स्थिति मजबूत बना रखी है। कोटा से अब तक हुए चुनावों में कांग्रेस एवं भाजपा दोनों ने ही सात-सात बार जीत हासिल की है जबकि एक बार राम राज्य परिषद तथा एक बार जनता पार्टी का प्रत्याशी ने चुनाव जीता है।
इस दौरान कांग्रेस के औंकार लाल बैरवा ने सर्वाधिक एवं वर्ष 1957 से 1971 तक लगातार चार चुनाव जीते। इसके बाद वर्ष 1984 में कांग्रेस के शांति धारिवाल, वर्ष 1998 में रामनारायण मीणा तथा वर्ष 2004 में इज्यराज सिंह ने जीत हासिल की।
इस दौरान भाजपा ने वर्ष 1980 में कोटा संसदीय क्षेत्र में अपनी पहली जीत दर्ज की। सातवीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में भाजपा के कृष्ण कुमार गोयल विजयी रहे। इससे पहले श्री गोयल ने वर्ष 1977 में छठीं लोकसभा चुनाव में जनता पार्टी उम्मीदवार के रुप में चुनाव जीता। वर्ष 1989 से 1996 तक भाजपा उम्मीदवार वैद्य दाऊ दयाल जोशी लगातार तीन बार चुनाव जीता। इसके बाद 1999 एवं 2004 में रघुवीर सिंह कौशल ने भाजपा प्रत्याशी के रुप में चुनाव जीता।
इनके अलावा वर्ष 1952 में पहले लोकसभा चुनाव में आरआरपी प्रत्याशी राजचंद्र सेन चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे। कोटा संसदीय क्षेत्र में 19 लाख 31 हजार से अधिक मतदाता हैं।