
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान संपन्न होने के बाद स्ट्रांगरूम में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की सुरक्षा प्रशासन के लिए जहां एक चुनौती है वहीं आगामी करीब 40 दिनों तक भावी सांसदों की जान भी एक तरह से सांसत में रहेगी।
लोकसभा चुनाव के लिए हालांकि अभी छह चरणों में मतदान होंगे। इसके अलावा चार राज्यों के विधानसभा चुनाव भी होने जा रहे हैं तथा यहां मतदान संबंधित राज्यों में लोकसभा चुनाव की चरणबद्ध तिथियों में होंगे। सभी चुनावों की मतगणना आगामी 23 मई को एक साथ होगी।
लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए शेष चरणों में मतदान संपन्न होने के साथ ही स्ट्रांगरूम में ईवीएम की सुरक्षा की चुनौतियां बढ़ती जाएगी।
बहरहाल पहले चरण का चुनाव संपन्न होने के बाद ईवीएम को स्ट्रांगरूम में पहुंचाया जा चुका है। प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ ही क्षेत्रीय पार्टियों के प्रत्याशियों के अलावा निर्दलीय समेत 1279 उम्मीदवारों का नसीब ईवीएम में बंद हो चुका है और यह अब 23 मई को खुलेगा।
सत्रहवीं लोकसभा के आम चुनाव के पहले चरण में 18 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों की 91 सीटों पर 1279 उम्मीदवारों ने किस्मत आजमायी है। इन उम्मीदवारों में नितिन गडकरी, वी. के. सिंह, हरीश रावत, चिराग पासवान, अजीत सिंह, जयंत चौधरी, असदुद्दीन ओवैसी, रमेश पोखरियाल निशंक और जीतनराम माझी जैसे नेता शामिल हैं।
संबंधित जिलों में स्ट्रांगरूम त्रिस्तरीय सुरक्षा के साये में है। ईवीएम की सुरक्षा के लिए पुलिस, पीएसी और पैरामिलिट्री बल तैनात है। स्ट्रांगरूम की चौबीसों घंटे सीसीटीवी कैमरों के जरिए निगरानी की जा रही है और सुरक्षा व्ववस्था इतनी तगड़ी है कि जैसे परिंदा भी यहां पर नहीं मार सकता।
स्ट्रांगरूम के बाहर एलईडी स्क्रीन भी संस्थापित किए गए हैं, जिसके जरिए वहां मौजूद राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता स्ट्रांगरूम के भीतर ईवीएम पर ध्यान रख रहे हैं। इस मौके पर निर्बाध बिजली आपूर्ति की उपलब्धता कम चुनौतीपूर्ण नहीं है, क्योंकि बिजली गुल होने और जनरेटर की व्यवस्था न होने की स्थिति में एलईडी स्क्रीन बंद हो सकती है। पूर्व के चुनावों के दौरान तकनीकी कारणों से ऐसी स्थिति निर्मित होने पर लापरवाही अथवा ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतें भी सामने आती रही है।
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 18 अप्रैल को 13 राज्यों की 97, तीसरे चरण में 23 अप्रैल को 14 राज्यों की 115, चौथे चरण में 29 अप्रैल को नौ राज्यों की 71, पांचवें चरण में छह मई को सात राज्यों की 51, छठे चरण में 12 मई को सात राज्यों की 59 और सातवें एवं अंतिम चरण में 19 मई को आठ राज्यों की 59 सीटों के लिए मतदान होगा।
लोकसभा की 543 सीटों के लिए चुनाव में 10,35,928 मतदान केंद्र बनाए गए है, जहां करीब 90 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार के जरिए देश का नेतृत्व तय करेंगे।