मुजफ्फरपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र में एक बार फिर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार बनाने का दावा करते हुए आज कहा कि अब तक संपन्न हो चुके चार चरण के लोकसभा चुनाव के बाद विरोधी चारो खाने चित हो गए हैं।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मोदी ने यहां राजग उम्मीदवारों के पक्ष में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि चार चरण के चुनाव के बाद विरोधी चारों खाने चित हो चुके हैं। अगले चरणों में में यह और स्पष्ट हो जाएगा कि विपक्षियों की हार कितनी बड़ी और राजग की जीत कितनी भव्य होगी। यह लहर नहीं ललकार है फिर एक बार मोदी सरकार है। उन्होंने कहा कि विरोधी केंद्र में सरकार बनाने के लिए नहीं लड़ रहे हैं बल्कि वह अपने सदस्यों की संख्या बढ़ाने के लिए छटपटा रहे हैं।
मोदी ने इस बार भी लोकसभा में विपक्ष का पद किसी भी पार्टी को नहीं मिलने का दावा करते हुये कहा कि जनता इन स्वार्थी ‘महामिलावटियों’ (महागठबंधन) को वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में इतनी सीटें नहीं देने वाली है कि वह लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद हासिल कर पाएं क्योंकि प्रतिपक्ष का नेता बनने के लिए लोकसभा की कुल सीटों का 10 प्रतिशत जीतना जरूरी होता है और चार चरण के चुनाव के बाद स्पष्ट हो गया है कि उन्हें इतनी सीटें मिलने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 के आम चुनाव में देश की जनता ने कांग्रेस को इतनी सीटें नहीं दी थी कि उसे नेता विपक्ष का पद मिल पाता
प्रधानमंत्री ने महागठबंधन पर तंज कसते हुये कहा कि इन दिनों महामिलावटियों के बीच लोकसभा में विपक्ष का नेता बनने की लड़ाई चल रही है। कांग्रेस वाले सोचते हैं कि वे तो पिछले पांच साल विपक्ष के नेता भी नहीं बन पाए और किसी को बनने भी नहीं देना है। इसलिए, उसकी मंशा को देखते हुये अब महामिलावटी लोगों भी उसका साथ छोड़ने लगे है।
उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लिए बिना उन पर कटाक्ष करते हुये कहा कि जिनके नसीब में विपक्ष के नेता का पद नहीं है वह प्रधानमंत्री बनने के सपने देख रहे हैं। इनके लिए सत्ता से कुछ भी नहीं है, देश भी नहीं। इन लोगों को सिर्फ अपनी शानो-शौकत और सुरक्षा की चिंता रहती है देश की नहीं।
मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव एवं उनकी पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के कार्यकाल का उल्लेखन किए बिना कहा कि मैं बिहार के लोगों को सावधान कर रहा हूं कि महामिलावटियों की ताकत बढ़ाने का मतलब है बिहार में फिर से लूटपाट के दिन को वापस लाना। उनकी ताकत बढ़ाने का अर्थ है बेटियों का अपहरण, गुंडागर्दी हत्या और हर योजना में भ्रष्टाचार। उनकी ताकत बढ़ाने का मतलब है सूरज ढलने के बाद अपने ही घर में कैद हो जाना घुट-घुट कर जीना, पलायन के लिए मजबूर होना। बिहार को इन लोगों ने यही दिया है और आज फिर से ये लोग गिद्ध दृष्टि जमाए हुए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये महामिलावटी बिहार को जात-पांत में बांटकर, समाज को बांटकर अपना स्वार्थ सिद्ध करना चाहते हैं। वह अपने भ्रष्टाचार को अपने काले कारनामों को छुपाना चाहते हैं। किसी तरह सत्ता हासिल करना ही उनका एकमात्र लक्ष्य है। वे चाहते हैं कि दिल्ली में एक कमजोर सरकार बने ताकि वे मनमानी कर सके।
उन्होंने कहा कि जो जेल में हैं, जो जेल के दरवाजे पर हैं, जमानत पर हैं या जमानत के लिए कोर्ट के चक्कर काट रहे हैं, वे केंद्र में मजबूत सरकार को एक मिनट भी बर्दास्त नहीं करना चाहते। ये चाहे कितनी भी कोशिश कर लें कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ जो अभियान हमने चलाया है उसकी रफ्तार धीमी नहीं पड़ेगी। जो बड़े शॉपिंग मॉल खड़े हैं उसका हिसाब देना होगा। इन्हें गरीब से लूटा एक-एक पैसा लौटाना होगा।