नई दिल्ली। लोकसभा ने देश में वायु प्रदूषण की गम्भीर समस्या और वैश्विक स्तर पर जलवायु के बढ़ते तापमान पर समवेत स्वर में गुरुवार को गहरी चिंता जताते हुए इसके दीर्घकालिक निदान की आवश्यकता जताई तथा इस ‘महायज्ञ’ में हर आम-ओ-खास से योगदान की अपील की।
वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन पर नियम 193 के तहत चर्चा के दौरान सम्पूर्ण पक्ष और विपक्ष ने वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन को भावी पीढी के लिए अभिशाप करार देते हुए कि कहा कि यदि एकजुट होकर इस समस्या का निदान नहीं निकाला गया और इसके गम्भीर परिणाम होंगे।
गत मंगलवार को शुरू हुई इस चर्चा को आगे बढ़ाते हुए भारतीय जनता पार्टी के संजय जायसवाल ने कहा कि इस मुद्दे को ‘इंडिया बनाम भारत’ या ‘गांव बनाम शहर’ के रूप में देखने के बजाय इसे समग्र रूप में देखा जाना चाहिए। यह मसला केवल दिल्ली या एनसीआर तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह समस्या अब दूरदराज के गांवों तक फैल चुकी है।
जायसवाल ने इस मसले पर किसी एक सरकार या राज्य पर दोषारोपण करने से बचने की सलाह देते हुए कहा कि इसके निदान के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल आवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा कि जब तक विभिन्न स्तरों पर समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो जाता तब तक ‘क्लाउड सीडिंग टेक्नोलॉजी’ से कृत्रिम बारिश कराने पर विचार किया जाना चाहिए।