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lok sabha polls 2019 : 4 crore 86 lakh people to cast vote in Rajasthan-राजस्थान में 4 करोड 86 लाख मतदाता कर सकेंगे मतदान - Sabguru News
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राजस्थान में 4 करोड 86 लाख मतदाता कर सकेंगे मतदान

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राजस्थान में 4 करोड 86 लाख मतदाता कर सकेंगे मतदान

जयपुर। राजस्थान में लोकसभा चुनाव दो चरणों मे 29 अप्रैल और छह मई को होंगे। राज्य में कुल 4 करोड़ 86 लाख 3 हजार 329 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी आनंद कुमार ने बताया कि चुनाव कार्यक्रम के अनुसार प्रदेश की सभी 25 सीटों के लिए दो चरणों में मतदान कराया जाएगा। पहले चरण में 29 अप्रेल और दूसरे चरण में 6 मई को मतदान कराया जाएगा। सभी सीटों के लिए मतगणना 23 मई को करवाई जाएगी। चुनाव घोषणा के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है।

उन्होंने बताया कि आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के साथ ही प्रदेश में स्थानान्तरण एवं नियुक्तियों पर रोक लग गई है। अति आवष्यक होने पर राज्य सरकार निर्वाचन आयोग से मंजूरी लेने के बाद ही अधिकारियों एवं कर्मचारियों को स्थानान्तरित कर सकेगी।

कुमार ने बताया कि प्रथम चरण में 13 लोकसभा क्षेत्र टोेंक-सवाईमाधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालौर, उदयपुर, बासंवाड़ा, चितौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड़-बारां में 29 अप्रेल को मतदान होगा।

पहले चरण की अधिसूचना 2 अप्रेल को जारी होगी। अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन दाखिल करने का काम शुरू हो जाएगा। 9 अप्रेल तक नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे। 10 अप्रेल को नामांकन पत्रों की जांच होगी तथा 12 अप्रेल तक नाम वापस लिए जा सकेंगे।

उन्होंने बताया कि दूसरे चरण की अधिसूचना 10 अप्रेल को जारी होगी। इस चरण में 12 लोकसभा क्षेत्रों श्रीगंगानर, बीकानेर, चूरू, झुंझूनूं, सीकर, जयपुर ग्रामीण, जयपुर, अलवर, भरतपुर, करौली-धौलपुर, दौसा और नागौर में 6 मई को मतदान होगा।

अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन दाखिल करने का काम शुरू हो जाएगा इन संसदीय क्षेत्रों के लिए 18 अप्रेल तक नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे। 20 अप्रेल को नामांकन पत्रों की जांच होगी तथा 22 अप्रेल तक नाम वापस लिए जा सकेंगे।

उन्होंने बताया कि प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों में 04 अनुसूचित जाति, 03 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं, वहीं 18 सीटें सामान्य वर्ग के लिए हैं। लोकसभा चुनाव में सभी 25 सीटों पर केन्द्रीय पर्यवेक्षक चुनाव प्रक्रिया तथा उम्मीदवारों के खर्चे पर नजर रखेंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में स्वतंत्र-निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है।

उन्होंने बताया कि मतदाता सूचियों के अंतिम प्रकाशन के अनुसार राज्य में कुल 4 करोड़ 86 लाख 3 हजार 329 मतदाता हैं। इसमें 2 करोड़ 53 लाख 86 हजार 133 पुरुष और 2 करोड़ 32 लाख 16 हजार 965 महिला मतदाता हैं।

उन्होंने बताया कि एक लाख 24 हजार 100 सर्विस मतदाता भी हैं। लोकसभा चुनाव 2014 की तुलना में 27 लाख 38 हजार 82 पुरूष, 28 लाख 70 हजार 385 महिला एवं 25 हजार 297 सर्विस वोटर्स लोकसभा चुनाव-2019 में बढ़े हैं।

कुमार ने बताया कि चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के साथ ही सभी मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को सोमवार को बैठक आयोजित कर उन्हें चुनाव कार्यक्रम तथा आदर्श आचार संहिता की जानकारी दी जाएगी।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान प्रदेश में कुल मतदाताओं की संख्या 4 करोड़ 29 लाख 94 हजार 657 थी, जिसकी तुलना में इस लोकसभा चुनाव के लिए मतदाता सूचियों के अंतिम प्रकाशन के बाद 56 लाख 8 हजार 672 मतदाता बढ़े हैं। वर्तमान में 4 करोड़ 86 लाख से ज्यादा मतदाता मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे।

2014 में कुल 47 हजार 947 मतदान केंद्र थे जबकि वर्तमान में 4 हजार 18 मतदान केंद्रों में बढ़ोतरी के साथ कुल 51 हजार 965 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। जिसमें सर्वाधिक 2552 पोलिंग स्टेशन बाड़मेर लोकसभा क्षेत्र में हैं।

उन्होंने बताया कि लोकसभा आम चुनाव-2019 में मतदाता केवल वोटर स्लिप के आधार पर मतदान नहीं कर सकेंगे। मतदान के लिए मतदाता को इपिक कार्ड (मतदाता फोटो पहचान पत्र) दिखाना होगा। इपिक कार्ड नहीं होने की स्थिति में 11 अन्य वैकल्पिक दस्तावेजों में से किसी एक को दिखाने पर ही मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे।

आयोग के निर्देशानुसार इस बार के लोकसभा चुनाव में इपिक कार्ड के अलावा पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेन्स, राज्य या केन्द्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, पब्लिक लिमिटेड कम्पनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, बैकों या डाकघरों द्वारा जारी की गई फोटोयुक्त पासबुक, पेन कार्ड, आरजीआई एवं एन.पी.आर द्वारा जारी किए गए स्मार्ट कार्ड, मनरेगा जाॅब कार्ड, श्रम मंत्रालय की योजना द्वारा जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, विधायकों, सांसदों को जारी किए सरकारी पहचान पत्र या आधार कार्ड में से कोई एक दस्तावेज को मतदान करते समय दिखाना जरूरी होगा। मतदाता पर्ची पहचान का आधार नहीं मानी जाएगी।

उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार द्वारा चुनाव व्यय की सीमा 70 लाख रुपए है। चुनाव व्यय के माॅनिटरिंग के लिए आयोग द्वारा पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाएंगे।