हिसार/चंडीगढ़। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फतेहाबाद में तो सर छोटूराम का नाम लेकर किसानों के वोट लेना चाहते हैं लेकिन पांच साल में सारे काम किसान विरोधी किए हैं। हरियाणा के किसानों की जीवन रेखा कही जाने वाली एसवाईएल नहर के निर्माण के लिए पूरे पांच साल में प्रधानमंत्री के पास चर्चा के लिए एक मिनट भी नहीं थी।
किसानों का कमाऊ पूत ट्रैक्टर पर सालाना 40 हजार रूपए टैक्स लगाने वाले कोई ओर नहीं, स्वयं प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ही थे। दो साल पहले भाजपा सरकार द्वारा करवाए गए जातीय दंगों में जब आपसी भाईचारा जल रहा था और विभिन्न घटनाओं में सरकार की गोली से प्रदेश के 81 निर्दोष और निहत्थे लोगों की जान चली गई, तब प्रधानमंत्री कहां थे।
आज जब वोट की बात चली तो मोदी सर छोटू राम के नाम का सहारा लेकर राजनीति की फसल काटने आ गए। सांसद चौटाला बुधवार को हांसी के गांव कुलाना, प्रेम नगर, कुंभा, गगन खेड़ी आदि गांवों में आयोजित नुक्कड़ सभाओं को संबोधित कर रहे थे।
जेजेपी-आप गठबंधन के प्रत्याशी दुष्यंत ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री को चुनाव के समय अब हरियाणा के किसानों की याद आई है। पांच साल तक प्रदेश की भाजपा सरकार एवं विपक्ष ने दर्जनों बार प्रधानमंत्री से एसवाईएल के निर्माण करवाने के लिए समय मांगा था लेकिन प्रदेश के किसानों का अपमान करते हुए प्रधानमंत्री ने एक मिनट भी समय चर्चा के लिए नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि सर छोटूराम मेरे लिए सम्मानित थे, सम्मानित हैं और सम्मानित रहेंगे और हर हरियाणावी के दिल में सर छोटूराम बसते हैं। उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने का वादा करके सत्ता में आने वाली भाजपा बताए कि अगर वह सही मायनों में किसानों की हितैषी थी तो पांच साल में आयोग की रिपोर्ट क्यों नहीं लागू की।
सांसद चौटाला ने देश एवं प्रदेश की भाजपा सरकार को घेरते हुए पूछा कि हरियाणा के इतिहास में सर्वाधिक 81 बेकसूर लोगों की मौत सरकारी गोली से इन्हीं पांच सालों में हुई हैं, उसकी जिम्मेवार भाजपा है। प्रदेश की जनता आज इन सवालों का जवाब मांग रही है और 12 मई को वोट की चोट से भाजपा को जवाब देगी।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि केंद्रीय इस्पात मंत्री बीरेंद्र सिंह व भाजपा उम्मीदवार बृजेंद्र अपने आप को किसानों के मसीहा सर छोटूराम का वंशज बताने वाले किसानों को बर्बाद करने पर तुले हुए हैं। हैफेड में एमडी रहते बृजेंद्र सिंह ने किसानों को कंगाल करने के लिए तुगलकी फरमान जारी कर दिए। उनके रवैये से प्रतीत होता है कि बृजेंद्र सिंह किसान विरोधी आदेशों को देने के लिए आतुर थे और मौके की तलाश कर रहे थे।
उन्होंने इस्पात मंत्री बीरेंद्र सिंह पूछा कि मोदी सरकार ने जब स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने से मना कर दिया तो उन्होंने इसका कितनी बार और कहां-कहां विरोध किया, इसका जनता को जवाब दे। आज दुष्यंत चौटाला ने गांव कुलाना, शेखपुरा, गगनखेड़ी कुंभा, थुराना, प्रेम नगर दैप्पल आदि गांवों का दौरा किया।