गुवाहाटी। असम में नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर दो महीने पहले भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व वाले गठबंधन से अलग हुई असम गण परिषद ने लाेकसभा चुनावों से ठीक पहले एकबार फिर से सरकार का दामन थामने का फैसला किया है।
अगप के भाजपा और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट गठबंधन वाली सरकार में शामिल होने का फैसला मंगलवार रात अगप नेताओं की भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव के साथ हुई एक बैठक के दौरान लिया गया।
इसकी घोषणा करते हुए माधव ने कहा कि भाजपा, अगप और बीपीएफ तीनों मिलकर राज्य में लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगी, ताकि कांग्रेस को सभी चौदहों सीटों पर करारी मात दी जा सके।
माधव ने सीटों के बंटवारे को लेकर कुछ भी कहने से परहेज करते हुए कहा कि जल्द ही इसपर सहयाेगियों से विचार कर आगे की रणनीति की घोषणा की जाएगी।
गठबंधन को लेकर बातचीत के दरम्यान अगप की टीम का हिस्सा रहे पार्टी अध्यक्ष अतुल बोरा ने कहा कि गठबंधन में लौटने का निर्णय राज्य के विकास और लोगों को हितों को ध्यान में रखकर लिया गया है।
सूत्रों का कहना है कि इस बैठक के बाद भाजपा ने अगप के उन तीन मंत्रियों को फिर से सरकार में आने का अनुरोध किया है, जिन्होंने दो महीने पहले गठबंधन टूटने के बाद सरकार से खुद को अलग कर लिया था। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही वे अपने पुराने विभाग की जिम्मेवारी संभाल लेंगे।
गौरतलब है कि 2016 विधानसभा चुनावों से पहले बने गठबंधन से अगप ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 के विरोध में खुद को अलग कर लिया था। इस विधेयक को लोकसभा ने पास कर दिया था, लेकिन यह राज्य सभा में लंबित है।