नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों के चयन के लिए पार्टी की केन्द्रीय चुनाव समिति की पहली बैठक शनिवार को हाेगी जिसमें पहले चरण के मतदान वाली सीटों सहित सौ से अधिक प्रत्याशियों की घोषणा किये जाने की संभावना है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में होने वाली भाजपा केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक की अध्यक्षता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह करेंगे। बैठक में राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, नितिन गडकरी, सुषमा स्वराज, जेपी नड्डा, थावरचंद गहलोत, शाहनवाज हुसैन शामिल होंगे।
सूत्रों के अनुसार इस बैठक में पहले चरण और दूसरे चरण के मतदान वाली सीटों पर उम्मीदवारों पर चर्चा की जाएगी। पहले चरण का मतदान 11 अप्रैल को 20 राज्यों की 91 सीटों पर होगा जबकि दूसरे चरण में 18 अप्रैल को 13 राज्यों के 97 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। सर्वाधिक 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश, 40 सीटों वाले बिहार और 42 सीटों वाले पश्चिम बंगाल में सात चरणों में मतदान कराया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार बैठक खत्म होने के बाद पहली सूची में करीब सौ से डेढ़ सौ के बीच उम्मीदवारों की सूची आएगी। इस सूची में प्रथम एवं द्वितीय चरणों के मतदान वाली सीटों के उम्मीदवारों के अलावा कुछ निर्विवाद सीटों पर भी उम्मीदवार आ सकते हैं। कुछ सीटों पर चौंकाने वाले सेलिब्रिटीज़ के नाम भी आ सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक भाजपा उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल की लगभग आधी संसदीय सीटों के लिए प्रत्याशियों के नामों की घोेषणा कर सकती है।
प्रथम चरण के लोकसभा चुनाव के लिए 18 मार्च से नामांकन प्रक्रिया शुरू होनी है। ऐसे में प्रत्याशियों के नाम का जितनी जल्दी घोषणा होगी उतनी शीघ्रता से सभी कार्यकर्ता प्रत्याशियों की जीत के लिए मैदान में मोर्चा संभाल लेंगे।
चुनाव आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के मुताबिक 17वीं लोकसभा के लिए 11, 18, 23 एवं 29 अप्रैल तथा 06, 12 एवं 19 मई को कुल सात चरणों में मतदान होगा। मतगणना 23 मई को होगी। मौजूदा 16वीं लोकसभा का कार्यकाल तीन जून को समाप्त होगा।
2014 के आम चुनावों में नौ चरणों मतदान हुआ था। पहले चरण की वोटिंग 7 अप्रैल जबकि आखिरी चरण का मतदान 12 मई को हुआ था। मतगणना 16 मई को हुई थी। इससे पहले 2009 में छह और 2004 में चार चरणों में मतदान हुआ था।
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने 336 सीटों पर जीत दर्ज की थी, वहीं अकेले भाजपा ने ही बहुमत से ज्यादा 282 सीटें हासिल की थीं। भाजपा के सामने इस बार पुराने प्रदर्शन को दोहराने की कठिन चुनौती है।