जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के केन्द्रीय मंत्रियों एवं सांसदों का लोकसभा चुनाव में टिकट देने का पार्टी कार्यकर्ता के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
भाजपा कार्यकर्ताओं का आरोप है कि ये केन्द्रिय मंत्री एवं सांसद पार्टी कार्यकर्ताओं से बात नहीं करते हैं और उन लोगों के अधिक सम्पर्क में रहते है जो पार्टी की विचारधारा के नहीं हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि पार्टी ऐसे व्यक्ति को टिकट दे जो पार्टी कार्यर्ताओं के बीच रहकर आमजन की समस्याओं का निराकरण कराए।
बीकानेर से सांसद एवं केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल को पार्टी द्वारा बीकानेर संसदीय सीट से प्रत्याशी बनाने के विरोध में भाजपा के कद्दावर नेता एवं पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी ने पार्टी से इस्तिफा दे दिया है। वहीं केन्द्रीय मंत्री पीपी चौधरी को पाली संसदीय सीट से फिर से टिकट देने का पार्टी के जनप्रतिनिधियों एवं वरिष्ठ पदाधिकारियों दवारा भारी विरोध किया जा रहा हैं।
पाली लोकसभा क्षेत्र के कई जनप्रतिनिधियों ने दिल्ली में राष्ट्रीय नेताओं से मुलाकात कर चौधरी को टिकट नहीं देने का आग्रह किया। दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री भूपेन्द्र यादव, राष्ट्रीय सह संगठनमंत्री वी सतीश एवं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे तथा प्रदेश अध्यक्ष मदनलाल सैनी को इन जनप्रतिनिधियों ने कहा है कि चौधरी के अलावा किसी को भी टिकट दे, अन्यथा पार्टी को नुकसान होगा।
सूत्रों के अनुसार नागौर संसदीय क्षेत्र में अपना विरोध को देखते हुए केन्द्रीय मंत्री सीआर चौधरी ने अगला चुनाव नागौर के स्थान पर अजमेर से लड़ने के लिए पार्टी हाईकमान के सामने इच्छा जाहिर की हैं। इस बीच चूरू, सीकर, गंगानगर, बाड़मेर, झुंझुनूं, राजसमंद, अलवर, दौसा एवं बांसवाड़ा के सांसदों को फिर से टिकट देने का पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध किया जा रहा है।