जयपुर। राजस्थान में प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस एवं भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव में राज्य में सभी पच्चीस सीटों पर जीत हासिल करने के दावे कर रहे हैं।
राज्य में दो चरणों में गत 29 अप्रेल को तेरह सीटों और छह मई को बारह सीटों पर हुए लोकसभा चुनाव के बाद से दोनों पार्टी के नेता लगातार अपनी अपनी पार्टी की जीत के दावे करते आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, राज्य में पार्टी प्रभारी अविनाश पांडे तथा कई मंत्री राज्य में कांग्रेस की जीत के दावे कर रहे हैं वहीं भाजपा के राजस्थान में चुनाव प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन लाल सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया सहित कई पार्टी नेताओं द्वारा गठबंधन को मिलाकर इस बार भी सभी पच्चीस सीटों पर चुनाव जीतने के दावे किए जा रहे हैं।
राज्य में मतदान के बाद गहलोत ने कई बार मीडिया के सामने दावा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जुमले एवं झूठे वादों के कारण इस बार उनकी कोई लहर नहीं रही और राज्य में कांग्रेस जीत हासिल करेगी। उन्होंने कहा कि इस बार चुनाव में राज्य के युवा उनके बहकावे में नहीं आये और उन्हें उम्मीद है कि प्रदेश में कांग्रेस को जीत नसीब होगी।
पायलट ने कई बार कांग्रेस के राज्य में मिशन-25 पूरा करने का दावा किया और एक बार फिर सभी पच्चीस सीटों पर कांग्रेस के विजय रहने का दावा करते हुए कहा कि कांग्रेस की मुख्यमंत्री के पु्त्र वैभव गहलोत की बड़ी जीत होगी और कांग्रेस प्रदेश की सभी सीटों पर जीत हासिल करेगी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राज्य में सरकार बनने के बाद किसानों का कर्जा माफ सहित जनता के कई वादे पूरे किए है जबकि केन्द्र की मोदी सरकार झूठे वादे कर लोगों को गुमराह किया, इस कारण इस बार उन्हें पूरा विश्वास है कि राज्य में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अपना मिशन-25 पूरा करेगी। इसी तरह राज्य में पार्टी प्रभारी पांडे सहित कांग्रेस के अन्य कई नेताओं ने भी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के जीतने का दावा किया।
उधर, भाजपा में जावड़ेकर ने दावा किया देश में इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा तीन सौ से अधिक सीटें जीतेगी और गठबंधन दलों के साथ केन्द्र में फिर नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बनेंगे। उन्होंने कहा कि राजस्थान में भाजपा के पक्ष में जबरदस्त लहर को देखते हुए पार्टी नागौर गठबंधन सीट सहित एक बार फिर सभी लोकसभा सीटों पर विजय हासिल करेगी।
उन्होंने कहा कि देश में विभिन्न चरणों में जिस प्रकार मतदान सामने आया हैं और केन्द्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में उनकी सरकार ने पिछले पांच सालों में जनकल्याण, देश की सुरक्षा एवं आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब के साथ जिस तरह काम किया है, उससे उन्हें पूरा विश्वास है कि इस बार भी भाजपा भारी बहुमत हासिल करेगी।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदनलाल सैनी ने भी दावा किया है कि राजस्थान में मोदी की लहर नहीं आंधी चली है और भाजपा फिर प्रदेश की गठबंधन सहित सभी पच्चीस संसदीय सीटों पर चुनाव जीतेगी। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने दावा करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार की उपलब्धियों के कारण राज्य में इस बार भी लोकसभा चुनाव में भाजपा सभी सीटें हासिल करेगी।
इसी तरह विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, पूर्व मंत्री डॉ अरुण चतुर्वेदी, कालीचरण सराफ, वासुदेव देवनानी सहित कई मंत्रियों तथा भाजपा नेताओं ने गठबंधन सहित सभी सीटों पर एक बार फिर जीत का इतिहास दोहराने का दावा किया जा रहा है।
इसके अलावा भाजपा के साथ नागौर संसदीय सीट पर भाजपा के साथ गठबंधन करने वाले राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक एवं लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन उम्मीदवार हनुमान बेनीवाल ने भी दावा किया कि राज्य में नागौर में उनकी तथा शेष चौबीस सीटों पर भाजपा उम्मीदवार जीत हासिल करेंगे।
उन्होंने कहा कि वह राज्य की सभी पच्चीस सीटों पर जीतने की बात कह रहे हैं लेकिन बाईस सीटों पर भाजपा एवं एक पर राजग प्रत्याशी का चुनाव जीतना वह पक्का मान रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में जिस तरह देश का दुनिया में सम्मान बढ़ा है और जो काम हुए उससे प्रेरित होकर ही उन्हें मजबूती प्रदान करने के लिए उन्होंने भाजपा के साथ गठबंधन किया है और उन्हें पूरा विश्वास है कि वे सफल रहेंगे।
बेनीवाल ने कहा कि वह विधानसभा चुनाव तक राज्य में दोनों प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ तीसरी ताकत खड़ी करने का प्रयास किया लेकिन कुछ दलों पर अन्यों का नियंत्रण होने के कारण वह तीसरा मोर्चा खड़ा करने में सफल नहीं हो पाए।
हालांकि प्रदेश में लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी भारतीय आदिवासी पार्टी के कुछ उम्मीदवार अपनी जीत का दावा कर रहे है लेकिन यह लग रहा है कि ये दल कुछ स्थानों पर चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं लेकिन नागौर को छोड़कर शेष सभी जगहों पर मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा में ही रहने की संभावना है।
नागौर में रालोपा और कांग्रेस में कड़ी टक्कर के साथ हारजीत का अंतर ज्यादा नहीं रहने के आसार है, जबकि सीकर में माकपा के अमराराम के चुनाव लड़ने, बांसवाड़ा में बीटीपी के कांती लाल रोत तथा दौसा से पूर्व विधायक अंजु धानका के निर्दलीय चुनाव लड़ने से चुनाव परिणाम प्रभावित हो सकते है।
हालांकि सभी की निगाहे लोकसभा चुनाव मतगणना तेईस मई पर टिकी है, जिसमें कांग्रेस के 25, भाजपा के 24 एवं विभिन्न दलों एवं निर्दलीयों सहित कुल 249 उम्मीदवारों के चुनावी भाग्य का फैसला होगा।
इस चुनाव में पहले चरण में तेरह सीटों पर कुल 115 तथा दूसरे चरण में 134 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा। जिनमें चार केन्द्रीय मंत्री सहित सोलह सांसदों एवं बारह पूर्व सांसदों एवं तीन विधायक एवं सात पूर्व विधायकों की चुनाव प्रतिष्ठा दांव पर हैं।