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lok sabha polls 2019 : Congress vs bjp in Ujjain-भाजपा के गढ़ उज्जैन में कांग्रेस की सेंध लगाने की कोशिश - Sabguru News
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भाजपा के गढ़ उज्जैन में कांग्रेस की सेंध लगाने की कोशिश

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भाजपा के गढ़ उज्जैन में कांग्रेस की सेंध लगाने की कोशिश

उज्जैन। भारतीय जनता पार्टी का गढ़ माने जाने वाली मध्यप्रदेश की उज्जैन संसदीय सीट पर इस बार राज्य में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस सेंध लगाने की पूरी कोशिशों के बीच चुनाव प्रचार के अंतिम समय में अपनी पूरी ताकत झोंक रही है।

इसी क्रम में पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को यहां प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में पहुंचकर विधिवत पूजा अर्चना की और कुछ दूर तक रोड शो भी किया। इस अंचल में कांग्रेस की ओर से मुख्य रूप से मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रचार अभियान की कमान संभाले हुए हैं। उनकी टीम भी संसदीय क्षेत्र में सक्रिय है।

अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित उज्जैन सीट से इस बार भाजपा वर्तमान सांसद चिंतामन मालवीय के स्थान पर युवा चेहरा के रूप में अनिल फिरोजिया को आगे रखकर पार्टी का कब्जा बरकरार रखने की कोशिशों में जुटी हुयी है। वहीं कांग्रेेस ने पूर्व मंत्री बाबूलाल मालवीय को चुनावी रण में उतारकर भाजपा से यह सीट छीनने की रणनीति तैयार की है।

कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशी, दोनों ही पूर्व विधायक हैं, लेकिन लोकसभा के चुनाव में पहली बार आमने सामने हैं। राज्य में तीन चरणों में 21 सीटों पर मतदान हो गया है। उज्जैन समेत शेष आठ सीटों पर 19 मई को मतदान है और चुनाव प्रचार की सीमा 17 मई की शाम को थम जाएगा। इसलिए दोनों ही प्रमुख दल अपनी पूरी ताकत इस क्षेत्र में झाेंक रहे हैं।

कांग्रेस महासचिव वाड्रा ने सोमवार को मध्यप्रदेश की अपनी पहली राजनीतिक यात्रा की शुरूआत उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन से की। कमलनाथ समेत कांग्रेस के अनेक दिग्गज भी इस अंचल में चुनाव प्रचार में आ चुके हैं। वहीं भाजपा की ओर से पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अनिल फिरोजिया के समर्थन में वोट मांग चुके हैं।

चुनाव के दौरान राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के मुद्दे प्रमुखता से उठाए जा रहे हैं, लेकिन संसदीय क्षेत्र में अपेक्षाकृत कम विकास भी एक मुद्दा है। कुछ वर्ष पहले यहां आयोजित सिंहस्थ के दौरान बुनियादी सुविधाओं के विस्तार के बाद संसदीय क्षेत्र की तस्वीर कुछ हद तक बदली है, लेकिन इसका लाभ कुछ ही हिस्सों को मिलने से ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याएं अब भी बरकरार हैं।

उज्जैन की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत के मद्देनजर यहां पर्यटन उद्याेग की भी बहुत संभावनाएं हैं। ग्रामीण अंचलों में पलायन, उद्योग धंधों की कमी और कई स्थानों पर पेयजल संकट भी इस क्षेत्र में प्रमुखता से उभरा है। हालाकि राजनैतिक दल मुख्य रूप से राष्ट्रीय मुद्दे ही उठा रहे हैं।

इस संसदीय क्षेत्र में कुल आठ विधानसभा सीट आती हैं, जिनमें उज्जैन जिले की सात और रतलाम जिले की आलोट विधानसभा क्षेत्र शामिल है। इन आठ में से पांच सीटों पर कांग्रेस और शेष तीन सीटों पर भाजपा का कब्जा है। उज्जैन में 19 मई को मतदान के बाद फिरोजिया और मालवीय समेत सभी नौ प्रत्याशियों की किस्मत इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन में बंद हो जाएगी।

संसदीय क्षेत्र में कुल 16 लाख 59 हजार 643 मतदाता हैं। क्षेत्र में कुल दो हजार 66 मतदान केन्द्र हैं, जिनमें से 438 संवेदनशील मतदान केन्द्र हैं।