पाली। राजस्थान में पहले चरण के तहत लोकसभा चुनाव में पाली संसदीय क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी केन्द्रीय विधि राज्य मंत्री पीपी चौधरी एवं कांग्रेस उम्मीदवार एवं पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़ में सीधा मुकाबला होने के आसार है।
चौधरी और जाखड़ दूसरी बार लोकसभा पहुंचने के लिए चुनाव मैदान में उतरे हैं। पाली से इनके अलावा एसएचएस पार्टी के कन्हैया लाल वैष्णव, एपीओआई के रामप्रसाद जाटव, आईआईसीआर के डा़ राम लाल एवं पीटीएसएस के लक्ष्मण कुमार तथा दो निर्दलीयों सहित कुल आठ उम्मीदवार चुनाव मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं। लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवार में ही माना जा रहा है। पाली में मतदान में चौदह दिन शेष है और सभी प्रत्याशियों के चुनाव में जुट जाने से चुनाव प्रचार में तेजी आ गई है।
इस बार मोदी लहर के कारण स्थानीय तथा अन्य मुद्दों का जोर कम नजर आ रहा है। हालांकि जिले में पेयजल, सड़क, चिकित्सा सहित अन्य मुद्दे जरुर हैं लेकिन एक बार फिर मोदी को प्रधानमंत्री बनाने का मुद्दा इनमें हावी नजर आने लगा है। हालांकि कांग्रेस प्रत्याशी राज्य में कांग्रेस की सरकार होने तथा किसानों का कर्ज माफ एवं बेरोजगारों को भत्ता देने सहित कई वायदों को पूरा करने से लोगों का समर्थन मिलने की बात कह रहे हैं।
भाजपा प्रत्याशी चौधरी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार मुन्नी देवी गोदारा को करीब चार लाख मतों से हराया था और दूसरी बार चुनाव मैदान में है जबकि जाखड़ तीसरी बार चुनाव मैदान में है। इससे पहले जाखड़ ने वर्ष 2004 में जोधपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन भाजपा प्रत्याशी जसवंत सिंह विश्नोई के सामने चुनाव हार गए। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2009 में पाली से चुनाव लड़ा और चुनाव जीतकर पहली बार लोकसभा पहुंचे।
पाली संसदीय क्षेत्र में पाली जिले की सोजत, पाली, मारवाड़ जक्शन, बाली, सुमेरपुर तथा जोधपुर जिले की ओसियां, भोपालगढ़ एवं बिलाड़ा विधानसभा क्षेत्र आता है जिनमें चार क्षेत्रों में भाजपा के विधायक है जबकि ओसियां एवं बिलाड़ा में कांग्रेस तथा भोपालगढ़ में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) तथा मारवाड़ जंक्शन में निर्दलीय विधायक जीता है।
हालांकि पाली संसदीय क्षेत्र में अब तक हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस सबसे ज्यादा आठ बार चुनावों में जीत हासिल की है जबकि भाजपा ने छह तथा स्वतंत्र पार्टी, जनता पार्टी एवं निर्दलीय ने एक-एक बार चुनाव जीता है।
वर्ष 1952 में निर्दलीय जनरल अजीत सिंह ने पहला लोकसभा चुनाव जीता। इसके बाद वर्ष 1957 में कांग्रेस के हरीश चंद्र माथुर, वर्ष 1962 में कांग्रेस के जसवंतराज मेहता, 1967 में स्वतंत्र पार्टी के एस के तपुरिया, 1971, 1980 एवं 1984 में कांग्रेस के मूलचंद डागा, 1977 में जनता पार्टी के अमृत नाहटा, डागा के निधन के कारण 1988 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के शंकर लाल शर्मा ने लोकसभा चुनाव जीता।
वर्ष 1989 में प्रसिद्ध अधिवक्ता गुमान मल लोढ़ा ने भाजपा उम्मीदवार के रुप में चुनाव जीता और भाजपा ने पहली बार खाता खोला। इसके बाद लोढ़ा 1991 एवं 1996 का चुनाव भी जीता। वर्ष 1998 में फिर कांग्रेस के मीठा लाल जैन तथा 1999 एवं 2004 में भाजपा के पुष्प जैन ने लोकसभा चुनाव जीता। पाली में इस बार 21 लाख 41 हजार 808 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे।