जयपुर। राजस्थान में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में बारह सीटों के लिए सोमवार को होने वाले मतदान के लिए शनिवार शाम को चुनाव प्रचार थम जाने के बाद प्रत्याशी एवं उनके समर्थक घर घर जाकर मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की आखिरी कोशिश में जुटे हैं।
राज्य की इन बारह सीटों में कांग्रेस के बारह, भारतीय जनता पार्टी के 11, बहुजन समाज पार्टी के 10, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के तीन, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का एक उम्मीदवार तथा अन्य कुछ दल एवं निर्दलीयों सहित कुल 134 उम्मीदवार चुनाव मैदान में अपनी चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं। जिनमें सोलह महिला प्रत्याशी शामिल हैं।
इन सीटों पर दो केन्द्रीय मंत्रियों सहित सात सांसद, पांच पूर्व सांसद, दो विधायक, एक पूर्व विधायक एवं एक पूर्व महापौर की चुनाव प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इनके अलावा एक पूर्व सांसद की बहु एवं एक विधायक की पत्नी के चुनाव मैदान में होने से उनकी भी चुनाव प्रतिष्ठा दांव पर है।
चुनाव प्रचार थम जाने से पहले इन सीटों पर चुनाव लड़े रहे प्रत्याशियों में भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई केन्द्रीय मंत्रियों, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, फिल्म अभिनेता एवं पार्टी नेता सन्नी देवल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ,पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित कई नेताओं ने चुनाव सभाएं की।
इसी तरह कांग्रेस उम्मीदवारों के पक्ष में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, पार्टी के वरिष्ठ अविनाथ पांड़े, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा एवं कांग्रेस के अनेक वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव प्रचार में भाग लिया।
इस दौरान दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस एवं भाजपा ने लोकलुभावन वायदों तथा अपनी पार्टी की सरकारों की उपलब्धियों के सहारे मतदाताओं को अपनी और आकर्षित करने की कोशिश की। इस दौरान कांग्रेस ने जहां अपनी न्याय योजना के तहत अब होगा न्याय के गरीबों को 72 हजार रुपए सालाना एवं 24 लाख नौकरियां देने सहित कई वादे किए तथा केन्द्र की मोदी सरकार ने पांच साल में जनता से किए वादों पर कोई काम नहीं करने का आरोप लगाया।
इसी तरह भाजपा ने मजबूत सरकार, राष्ट्र की सुरक्षा, आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब देने, कश्मीर में अनुच्छेद 370 एवं 35ए हटाने के साथ मोदी है तो मुमकिन का नारा दिया गया।
इन बारह सीटों में नागौर संसदीय सीट पर भाजपा समर्थित राजग उम्मीदवार सहित लगभग सभी सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला माना जा रहा है लेकिन सीकर में कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया, भाजपा के सांसद सुमेधानंद सरस्वती तथा माकपा के अमराराम तीनों उम्मीदवारों के राजनीतिक प्रभुत्व चलते मुकबला त्रिकोणीय होने की संभावना जताई जा रही है।
लेकिन पिछले दिनों पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद हाल में आतंकवादी सरगना मसूद अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कराने में भारत के सफल रहने के बाद बदले माहौल के चलते मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस में ही होने के आसार बन रहे हैं। हालांकि चुनाव प्रचार के शुरु में महरिया की स्थिति मजबूत नजर आ रही थी।
इसी तरह दौसा में भाजपा प्रत्याशी पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसकौर मीणा और कांग्रेस विधायक मुरारी लाल मीणा की पत्नी सविता मीणा कांग्रेस उम्मीदवार तथा दो बार विधायक रही अंजु धानका निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चुनाव लड़ रहे है जहां अंजु धानका की वजह से चुनावी समीकरण बिगड़ने की संभावना है। हालांकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता के चलते इस बार त्रिकोणीय स्थिति बहुम कम बनने के आसार हैं और ज्यादात्तर मुकाबले सीधे भाजपा और कांग्रेस में ही होने की संभावना है।
राज्य के शेष सीटों में बीकानेर से केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल का मुकाबला उनके मौसेरे भाई पूर्व आईपीएस कांग्रेस प्रत्याशी मदन गोपाल मेघवाल से एवं जयपुर ग्रामीण से केन्द्रीय मंत्री कर्नल राज्यर्वद्धन सिंह राठौड़ का सीधा चुनावी मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार विधायक कृष्णा पूनिया से होने के आसार है। जयपुर ग्रामीण में दोनों प्रत्याशी पूर्व ओलम्पियन खिलाड़ी होने से भी मुकाबला रोचक होने की संभावना है।
इसी तरह जयपुर में भाजपा प्रत्याशी सांसद रामचरण बोहरा और कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व महापौर ज्योति खण्डेलवाल, श्रीगंगानगर में सांसद निहालचंद मेघवाल और कांग्रेस के पूर्व सांसद भरत मेघवाल, चुरु में भाजपा के सांसद राहुल कस्वां और कांग्रेस प्रत्याशी रफीक मंडेलिया, झुंझुनूं में भाजपा उम्मीदवार विधायक नरेंद्र खींचड़ और कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व विधायक श्रवण कुमार, अलवर में पूर्व सांसद दिवंगत बाबा चांदनाथ के उत्तराधिकारी बाबा बालकनाथ और कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के बीच मुख्य मुकाबला माना जा रहा है। बालकनाथ भाजपा उम्मीदवार है।
भरतपुर में भाजपा प्रत्याशी पूर्व सांसद गंगाराम की पुत्रवधु रंजीता कुमारी और कांग्रेस के नये चेहरे अभिजीत कुमार जाटव तथा करौली-धौलपुर में भाजपा के सांसद मनोज राजौरिया तथा कांग्रेस के नये उम्मीदवार संजय जाटव के बीच मुख्य मुकाबला माना जा रहा है।
इसी तरह नागौर में भाजपा ने केंद्रीय मंत्री सीआर चौधरी का टिकट काटकर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) के संयोजक हनुमान बेनीवाल के साथ गठबंधन कर उन्हें राजग उम्मीदवार बनाया, जहां उनका सीधा मुकाबला पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा से माना जा रहा है।
इन बारह सीटों पर दो करोड़ 30 लाख 68 हजार से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। इनमें एक करोड़ 21 लाख 45 हजार से अधिक पुरुष तथा एक करोड़ नौ लाख 22 हजार से अधिक महिला शामिल है। इस बार करीब सात लाख नये मतदाता भी शामिल है जो पहली बार अपने मत का प्रयोग कर सकेंगे। इनमें सर्वाधिक जयपुर संसदीय सीट पर 21 लाख 25 हजार 718 एवं सबसे कम दौसा में 17 लाख 26 हजार 376 मतदाता है।
निर्वाचन विभाग के अनुसार मतदान के लिए लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और इसके लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इसके अलावा मतदान के दौरान दिव्यांगों के लिए विशेष सुविधा की व्यवस्था की गई हैं और उनके लिए छह हजार से अधिक व्हीलचेयर उपलब्ध कराए गए हैं।
इसके अलावा उन्हें घर से लाने ले जाने के लिए वाहनों की सुविधा भी की गई हैं। इसी तरह महिलाओं के लिए भी विशेष ध्यान रखा गया हैं और 133 मतदान केन्द्रों पर केवल महिलाकर्मियों को ही तैनात किया गया है।