नई दिल्ली। सत्रहवीं लाेकसभा की 542 सीटों और चार राज्यों की विधानसभाओं के लिए हुए मतदान के बाद गुरुवार को होने वाली मतगणना की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मतों की गिनती पहले की तरह ही होगी तथा गिनती पूरी होने के बाद ही वीवीपैट पर्चियों का मिलान किया जाएगा।
इस बीच केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने कुछ राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा मतगणना के परिणाम अनुकूल नहीं आने पर हिंसा की धमकी दिए जाने के मद्देनजर सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों तथा पुलिस महानिदेशकों से मतगणना के दिन कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने को कहा है।
मतगणना शुरू होने के समय वीवीपैट की पर्चियों का ईवीएम से मिलान करने की 22विपक्षी दलों की मांग ठुकराने के बाद आयोग ने पहले की तरह ही मतों की गिनती कराने का फैसला किया है। इस बारे में सभी आवश्यक दिशानिर्देश राज्य चुनाव अधिकारियों को दे दिए गए हैं।
मतगणना गुरुवार सुबह आठ बजे से होगी। देश भर में बनाए गए मतगणना केंद्रों पर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिए गए हैं और मीडिया के लिए भी समाचार संकलन करने के लिए आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी प्रबंध किए गए हैं।
गृह मंत्रालय का कहना है कि सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों को मतगणना के दिन कानून व्यवस्था बनाए रखने और पूरी तरह सतर्क रहने को कहा गया है। उसने राज्यों से मतगणना केन्द्रों और उनमें बने स्ट्रांग रूम की सुरक्षा के लिए भी सभी एहतियाती उपाय करने काे कहा है।
मंत्रालय का कहना है कि कई रिपोर्टों में चुनाव परिणामों के बाद हिंसा और व्यवधान पैदा करने की बात सामने आ रही है और इसे देखते हुए उसने सभी राज्यों से एहतियाती कदम उठाने काे कहा है।
मतों की गिनती के लिए चुनाव आयोग द्वारा पहले से निर्धारित नियमों और प्रक्रियाओं का पालन किया जाएगा और इसमें किसी तरह की खामियों तथा गड़बड़ियों को तत्काल दूर करने की भी व्यवस्था की गई है ताकि मतगणना सुचारु और निर्बाध रूप से चलती रहे।
भीषण गर्मी को देखते हुए मतगणना में भाग लेने वाले कर्मचारियों और राजनीतिक दलों के एजेंटों के लिए भी विशेष प्रबंध किए गए हैं ताकि उन्हें किसी तरह की कोई असुविधा न हो।
लोकसभा चुनाव के साथ ही चार राज्यों-आंध्र प्रदेश, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम-की विधानसभा सीटों के लिए 11 अप्रैल से 19 मई के बीच मतदान कराए गए थे।
वीवीपैट पर्ची से वोटों के मिलान और सत्यापन के लिए पांच मतदान केंद्रों को औचक आधार पर चुना जाएगा। वीवीपैट सत्यापन प्रक्रिया में चार से पांच घंटे का समय लग सकता है।
चुनाव परिणाम आयोग की वेबसाइट और ‘वोटर हेल्पलाइन ऐप’ पर उपलब्ध होंगे। आयोग ने इस बार के लोकसभा चुनाव के लिए 55 लाख ईवीएम का उपयोग किया है।