

नयी दिल्ली । पश्चिम बंगाल में केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) और कोलकाता पुलिस के बीच टकराव को लेकर आज लोकसभा में लगातार दूसरे दिन हँगामा हुआ और प्रश्नकाल में एक बार के स्थगन के बाद शून्यकाल के दौरान सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।
तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने केंद्र सरकार पर सीबीआई के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुये सदन के बीचों-बीच नारेबाजी तथा शोर-शराबा किया। वहीं, सत्ता पक्ष के सदस्य निशिकांत दूबे ने पश्चिम बंगाल की तृणमूल सरकार को बर्खास्त कर वहाँ राष्ट्रपति शासन लगाने की माँग की। कांग्रेस तथा समाजवादी पार्टी के सदस्य भी अलग-अलग मुद्दों को लेकर अध्यक्ष के आसन के समीप आ गये और हँगामा करने लगे।
प्रश्नकाल में करीब 50 मिनट के लिए स्थगित रहने के बाद दोपहर 12 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही दुबारा शुरू हुई तृणमूल कांग्रेस के सदस्य नारेबाजी करते हुये सदन के बीचों-बीच आ गये। वे “सीबीआई तोता है” और “चौकीदार चोर है” के नारे लगाने लगे। अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने शोर-शराबे के बीच ही जरूरी कागजात सदन के पटल पर रखवाये। इस बीच कांग्रेस के कुछ सदस्य भी राफेल विमान सौदे में कथित भ्रष्टाचार की जाँच के लिए संयुक्त संसदीय समिति के गठन की माँग को लेकर हाथों में पोस्टर लिये नारेबाजी करते हुये अध्यक्ष के आसन के करीब पहुँच गये। उनके पोस्टरों पर “हमें जेपीसी चाहिये” और “उच्चतम न्यायालय को गुमराह करने के लिए प्रधानमंत्री माफी माँगें” लिखे थे। वे “जेपीसी शुरू करो” के नारे लगा रहे थे।
जरूरी कागजात सदन के पटल पर रखवाने के बाद श्रीमती महाजन ने हँगामा कर रहे सदस्यों से अपने-अपने स्थान पर वापस जाने का अनुरोध किया। प्रश्नकाल शुरू करने की घोषणा करते हुए उन्होंने सदस्यों कहा “कृपया आप अपनी सीट पर वापस जाइये।” लेकिन सदस्यों ने उनकी बात नहीं सुनी और शोर-शराबे के बीच ही उन्होंने शून्यकाल की कार्यवाही शुरू कर दी।
शून्यकाल के दौरान कई सदस्यों ने अपने-अपने मुद्दे उठाए। भाजपा के निशिकांत दूबे ने पश्चिम बंगाल की तणमूल सरकार को बर्खास्त करने की माँग की। उन्होंने बंगलादेशी घुसपैठियों का मुद्दा उठाया, लेकिन बाद में राज्य के मौजूदा मुद्दे पर बोलने लगे। उन्होंने कहा कि बंगलादेशी घुसपैठिये पश्चिम बंगाल के रास्ते देश में प्रवेश कर रहे हैं और वहाँ की सरकार उनको बचा रही है।
दूबे ने आरोप लगाया कि उसी प्रकार वहाँ की सरकार नारदा और शारदा चिटफंड घोटालों के आरोपियों को भी बचाने में लगी है। भ्रष्टाचार के मामले पर जिस प्रकार उसने केंद्र सरकार के साथ टकराव की स्थिति बनाई है उसे देखते हुये राज्य सरकार को बर्खास्त कर वहाँ राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिये।
इस पर तृणमूल के सदस्यों का हंगामा और तेज हो गया। इसी बीच समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव भी अध्यक्ष के आसन के करीब आ गये और नारे लगाने लगे।
हँगामा शांत न होता देख अध्यक्ष ने 12.30 बजे के करीब सदन की कार्यवाही दोपहर बाद दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले प्रश्नकाल की कार्यवाही भी हंगामो के कारण 10 मिनट के भीतर ही स्थगित गयी थी। सुबह 11 बजे जैसे ही सदन सम्वेत हुआ तृणमूल के सदस्य पश्चिम बंगाल के मुद्दे पर सदन के बीचों-बीच आकर हँगामा करने लगे। श्रीमती महाजन ने शोर-शराबे के बीच प्रश्नकाल शुरू किया, लेकिन हँगामा जब शांत नहीं हुआ तो 10 मिनट के भीतर ही उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।