वाराणसी। उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी वाराणसी में लोलार्क छठ (ललई छठ) पर हजारों दंपतियों ने संतान प्राप्ति की कामना के साथ बुधवार को भदौनी के लोलार्क कुंड एवं रवीन्द्रपुरी स्थित क्रीं कुंड में आस्था की डुबकी लगा कर लोलाकेश्वर महादेव की पूजा-अर्चना की।
पौराणिक मान्यता है कि भाद्रपद शुक्ल षष्ठी तिथि को लोलार्क एवं क्रीं कुंड में स्नान कर पूजा-अर्चना करने से भगवान सूर्य की विशेष कृपा होती है। नि:संतान दंपती को पुत्र रत्न की प्रप्ति होने के साथ तमाम रोगों से मुक्ति मिलती है। यही वजह है कि देश के कोने-कोने से लोग स्नान करने के लिए पति-पत्नी यहां आते हैं।
बड़ी संख्या में स्त्री-पुरुष मंगलवार को ही यहां आ गए थे तथा सैकड़ों दंपती देर रात से ही कतारों में खड़े होकर कुंड में स्नान के लिए अपनी बारी का इंतजार करते रहे। तड़के से स्नान करने का सिलसिला शुरु हुआ। अधिकारियों का अनुमान है कि शाम तक लाखों लोगों ने स्नान एवं पूजन किया।
श्रद्धालुओं ने मान्यता अनुसार स्नान करने के बाद अपने गिले कपड़े कुंड में ही छोड़ दिए एवं फलों का दान एवं पूजन किया। उन्होंने कुंड से निकलने के बाद इसकी ओर नहीं देखने की मान्यता का भी श्रद्धापूर्वक पालन किया।
अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कुंड की ओर श्रद्धालुओं के आने-आने के तमाम रास्तों पर यातायात के समुचित इंतजाम किए गए हैं। जगह-जगह बैरिकेडिंग की व्यवस्था के साथ ही सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है। कुंडों में पीएसी एवं एनडीआरएफ के जवानों को तैनात किया गया है। बड़ी संख्या में महिला पुलिस की तैनाती की गई है।
उन्होंने बताया कि स्नान के दौरान अत्याधिक भीड़ और बेहद गर्मी के कारण कई महिलाएं बेहोश हो कर गिर गईं जिन्हें तत्काल समुचित चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं।