नयी दिल्ली । भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडाआई) ने स्पष्ट किया कि वाहन खरीदते समय दीर्घकालिक अनिवार्य व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा (सीपीए) एेच्छिक है और बीमा कंपनियाँ एक वर्ष या पाँच वर्ष के सीपीए का अनिवार्य रूप से विकल्प देंगी।
नियामक के इस स्पष्टीकरण से नये वाहन खरीदने वालों को काफी राहत मिलने की संभावना जतायी जा रही है क्योंकि अभी बीमा कंपनियाँ सिर्फ पाँच वर्षीय सीपीए की ही पेशकश कर रही हैं। इरडाआई ने इस संबंध में बीमा कंपनियों को जारी परिपत्र में कहा है कि पाँच वर्षीय अनिवार्य व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा जरूरी नहीं है और पूरी तरह से वैकल्पिक है। वहान मालिक-चालक एक वर्षीय या पाँच वर्षीय सीपीए का चयन कर सकते हैं।
नियामक ने बीमा कंपनियों को इस संबंध में निर्देश जारी कर कहा है कि वे अब वाहन मालिक-चालक को एक वर्षीय और पाँच वर्षीय सीपीए का विकल्प जरूर दें। इसके साथ ही नियामक ने यह भी स्पष्ट किया है कि व्यक्तिगत दुर्घटना का कवर सिर्फ वैध ड्राइविंग लाइसेंस धारक वाहन मालिक-चालक को ही मिलेगा। किसी कंपनी के नाम पंजीकृत वाहन या पाटर्नरशिप कंपनी या एक समान कंपनियों के नाम या बगैर वैध ड्राइविंग लाइसेंस के मामले में व्यक्तिगत दुर्घटना कवर का लाभ नहीं मिलेगा।