अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद में सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील पुराने शहर स्थित भगवान जगन्नाथ के मंदिर में बुधवार को भगवान की नेत्रोत्सव विधि आयोजित की गई। इस दौरान मंदिर के शिखर पर ध्वज बदलने की रस्म यानी ध्वाजारोहण का भी आयोजन किया गया।
नेत्रोत्सव समारोह में आज भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलराम को गर्भगृह में प्रवेश कराया गया। उसके बाद वैदिक मंत्रोच्चार करके भगवान की आंखों पर पट्टी बांधी गई, ध्वाजारोहण, विशेष पूजा और आरती की गयी। इस दौरान गुजरात भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल और गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी सहित साधु-संत और श्रद्धालु दर्शनार्थी भगवान जगन्नाथ मंदिर में उपस्थित रहे।
भगवान अहमदाबाद के सरसपुर स्थित अपने ननिहाल में होने के कारण जमालपुर स्थित मंदिर में पिछले 15 दिनों से उनके दर्शन बंद थे। ननिहाल से आज सुबह जमालपुर स्थित जगन्नाथ मंदिर भगवान के निज मंदिर आते ही उनके दर्शनों के लिए भक्तों की सुबह से ही भीड़ देखने को मिली।
भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलराम अपने मामा के घर से आज अपने निज मंदिर लौटने पर मंदिर में नेत्रोत्सव समारोह का आयोजन किया गया। ननिहाल में ज्यादा आम और जामुन खाने के कारण भगवान की आंखों में जलन (आंख आने के कारण) मामा के घर से लौटने पर भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बलदेव को गर्भगृह में प्रवेश करा कर उनके नेत्रों पर पट्टियां बांधी गयीं जिसे नेत्रोत्सव विधि कहते हैं।
उल्लेखनीय है कि अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की 145वीं रथयात्रा कोरोना काल के दो वर्षों के बाद एक जुलाई शुक्रवार अषाढ़ी बीज (दूज) के दिन ऐतिहासिक जगन्नाथ मंदिर से निकलेगी। भक्तों को दर्शन देने भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलराम के साथ खुद इस दिन नगर यात्रा पर निकलते हैं।