जयपुर। आर्थिक मंदी और करोड़ों रुपये के घाटे में चल रही एयर इंडिया का बिकना लगभग तय माना जा रहा है। एक समय देश की शान रही एयर इंडिया फ्लाइट पिछले 5 वर्षों से लगातार घाटे में डूबती चली गई। हालांकि सरकार ने कई बार इसके घाटे से उबरने का मौका भी दिया, लेकिन कोई सफलता नहीं मिल सकी। यहां हम आपको बता दें अभी कुछ माह पहले जेट एयरवेज भी करोड़ों रुपये के घाटे में आने के बाद अचानक बंद कर दी गई थी।
90 के दशक में जेट एयरवेज भी अपने पीक पर थी। वहीं इंटरनेशनल ‘थॉमस कुक एयरलाइन’ पिछले साल अक्टूबर माह में बंद कर दी गई थी। अगर हम बात करें भारत समेत विश्व की तमाम विमान कंपनियों की तो अधिकांश घाटे में ही चल रही है। एयर इंडिया की बिक्री के लिए पिछले कई वर्षों से संकट के बादल मंडरा रहे थे।
केंद्र सरकार ने एयर इंडिया एक्सप्रेस को बेचने की बनाई योजना
सरकार ने एयर इंडिया की 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की बेचने की योजना बनाई है। तमाम विरोध के बावजूद सरकार एयर इंडिया को बेचने के लिए प्रतिबद्ध है। केंद्र सरकार ने इसके लिए सोमवार को एक आदेश भी जारी किया है। केंद्र सरकार ने यह भी बताया कि एअर इंडिया का मैनेजमेंट कंट्रोल भी बोली जीतने वाली कंपनी को मिल जाएगा। सरकार ने एयर इंडिया के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट अभिरुचि दिखाने के लिए 17 मार्च तक की डेडलाइन जारी की है। एयर इंडिया के लिए संभावित बिडर्स में टाटा समूह, हिंदुजा, इंडिगो, स्पाइसजेट और कई निजी इक्विटी कंपनियां शामिल हैं।
एयर इंडिया की हालत खराब होने के बाद भी डिमांड में बनी हुई है
भले ही आज करोड़ों रुपये के घाटे से जूझ रही एयर इंडिया की डिमांड भारत समेत विश्व के तमाम देशों में बनी हुई है। उसे खरीदने में कंपनियां इसलिए रुचि दिखा रही हैं, क्योंकि उसके पास व्यापक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क, ट्रैफिक राइट और लंदन, दुबई जैसे महत्वपूर्ण एयरपोर्ट पर स्लॉट हैं। उसके पास बड़ा टेक्निकल मैनपावर और फ्लीट भी है। यह भी संभव है कि एयर इंडिया की नीलामी में शामिल होने के लिए कई विदेशी कंपनियां भारतीय कंपनियों से साझेदारी कर सकती हैं।
संकट से उबारने के लिए अभी भी कोशिश जारी है
एयर इंडिया के घाटे को उभारने के लिए अभी भी प्रयास खत्म नहीं किए हैं। कंपनी के तमाम अधिकारी लगे हुए हैं कि इसकी बिक्री न हो और शायद यह घाटे से उबर जाए। यहां हम आपको बता दें कि एयर इंडिया पर हजारों करोड़ रुपये का कर्ज है, जिसमें विमानों की खरीद के लिए गए दीर्घकालिक कर्ज भी शामिल हैं। कंपनी के अधिकारी ने बताया कि अब एयर इंडिया पर महज 18,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। जब इसके लिए बोली आमंत्रित की जाएगी, तो उसमें खातों में 18,000 करोड़ रुपये का कर्ज ही दिखाया जाएगा।
शंभू नाथ गौतम वरिष्ठ पत्रकार