चेन्नई। तमिल राष्ट्रवादी आंदोलन (टीएनएम) के नेता पी.नेदुमारन ने सोमवार को एक चौंकाने वाला खुलासा किया कि प्रतिबंधित लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (एलटीटीई) के नेता वेलुपिल्लई प्रभाकरन जीवित हैं और सही समय पर सार्वजनिक रूप से सामने आएंगे।
उल्का तमिलार पेरमाइप्पु (विश्व तमिल परिसंघ) के संस्थापक और टीएनएम के अध्यक्ष नेदुमारन ने तंजावुर में पत्रकारों से कहा कि प्रभाकरन स्वस्थ और खुश हैं कि उनका परिवार उनके साथ संपर्क में है। उन्होंने कहा कि वह फिलहाल उस स्थान का खुलासा नहीं कर सकते जहां प्रभाकरन ठहरे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि वह यह घोषणा लिट्टे नेता के परिवार के सदस्यों की सहमति से कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्रीलंका की वर्तमान स्थिति ने प्रभाकरन के सार्वजनिक रूप से उपस्थित होने के लिए स्थिति को अनुकूल बना दिया है।
लिट्टे के कट्टर समर्थक नेदुमारन ने कहा कि प्रभाकरन सही समय पर सार्वजनिक रूप से सामने आएंगे और तमिल ईलम बनाने की अपनी विस्तृत योजना का खुलासा करेंगे। उन्होंने कहा कि लिट्टे नेता को मई 2009 में श्रीलंका की सेना द्वारा जातीय युद्ध के अंतिम चरण के दौरान मृत घोषित कर दिया गया था। तमिलनाडु में इसे नरसंहार करार दिया और वे चाहते थे कि श्रीलंका के तत्कालीन राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे युद्ध अपराधों के लिए अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में मुकदमे का सामना करें।
श्रीलंका के पूर्व सांसद शिवाजीलिंगम ने नेदुमारन के इस दावे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जिस शव की पहचान की गई थी, अभी तक साबित नहीं हुआ है कि वह प्रभाकरन का था। उन्होंने कहा कि नेदुमारन का दावा उनकी निजी राय है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अगर यह सच है तो दुनिया भर के तमिल अधिक खुश होंगे। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति पैदा हो गई है जिसमें बिना युद्ध के एक तमिल ईलम बनाया जा सकता है।
तमिझागा वझवुरिमई काची (टीवीके) के संस्थापक टी. वेलमुरुगन, विधायक ने प्रभाकरन के जीवित होने की खबर को अच्छा और ‘मीठा’ बताया।