चेन्नई। द्रविड़ मुनेत्र कषगम(द्रमुक) सुप्रीमो एवं तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि का मंगलवार को यहां कावेरी अस्पताल में निधन हो गया। वह 94 वर्ष के थे।
कावेरी अस्पताल की ओर से जारी विज्ञप्ति केे अनुसार करुणानिधि ने शाम छह बजकर 10 मिनट पर अंतिम सांस ली। वह काफी दिनों से बीमार चल रहे थे और स्थिति बिगड़ने पर उन्हें 28 जुलाई को अस्पताल में भर्ती किया गया था।
उनके निधन का समाचार फैलते ही पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई। कल रात उनकी हालत गंभीर होने के बाद से ही बड़ी संख्या में लोग अस्पताल के बाहर जमा होना शुरू हो गए थे और आज शाम भारी भीड़ जमा थी।
राजनीति के एक युग का अंत
भारतीय राजनीति के पुरोधा एवं द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के अध्यक्ष मुत्तुवेल करुणानिधि के निधन से न केवल तमिलनाडु बल्कि राष्ट्रीय राजनीति के एक युग का अंत हो गया।
तमिलनाडु में द्रविड़ आंदोलन के मजबूत स्तम्भ करुणानिधि ने द्रमुक का गठन कर राज्य के आधुनिक इतिहास की पटकथा लिखी तथा 13 बार विधायक चुने गए और पांच बार मुख्यमंत्री रहे।
राज्य के नागापट्टिनम जिले के तिरुक्कुवलाई गांव में तीन जून 1924 को जन्मे करुणानिधि का बचपन का नाम दक्षिणमूर्ति था। वह मुत्तुवेलु और अंजुगम की संतान थे। अभिनेता एम आर राधा करुणानिधि को प्यार से ‘कलैनार’ नाम से पुकारते थे। कलैनार अर्थात कला का विद्वान।
वह बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे और साहित्य, फिल्म तथा राजनीति में उन्होंने अपनी कला, योग्यता और विद्वता की अमिट छाप छोड़ी। वह युवावस्था में शौकिया तौर पर रंगमच से भी जुड़े थे।
करुणानिधि चतुर रणनीतिकार, कुशल और सूझ-बूझ वाले राजनीतिज्ञ थे जो अपनी राजनीतिक शतरंज की चालें बहुत सधे तरीके से चलते थे। वह अपने करिश्माई व्यक्तित्व से लोगों को चुंबक की तरह आकर्षित कर लेते थे।