भोपाल। मध्यप्रदेश में राजनीतिक संकट के बीच 28 में से लगभग 20 मंत्रियों ने सोमवार देर रात अपने त्यागपत्र मुख्यमंत्री कमलनाथ को सौंप दिए।
मुख्यमंत्री निवास पर कमलनाथ सरकार के मंत्रियों की आपात बैठक में 20 मंत्रियों ने अपने त्यागपत्र मुख्यमंत्री को सौंपे। राज्य के लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने बैठक के बाद मुख्यमंत्री निवास के बाहर मीडिया से चर्चा में यह जानकारी दी।
वर्मा ने कहा कि राज्य में भाजपा के ‘कुत्सित प्रयासों’ को रोकने के लिए मंत्रियों ने यह कदम उठाया है। मंत्रियों की इच्छा है कि मुख्यमंत्री अब नए सिरे से अपने मंत्रिमंडल का गठन करें। वर्मा के अनुसार कांग्रेस विधायक दल की बैठक मंगलवार शाम पांच बजे होगी।
राज्य में मुख्यमंत्री के अलावा कुल 28 मंत्री हैं। इनमें से 20 मंत्रियों ने अपने त्यागपत्र मुख्यमंत्री को सौंपे हैं। इसका आशय यह है कि शेष आठ मंत्रियों ने इस्तीफा नहीं दिया। निश्चित तौर पर ये मंत्री बैठक में मौजूद नहीं रहे होंगे। इन इस्तीफों की वजह यह मानी जा रही है कि मंत्रियों ने मुख्यमंत्री को मौजूदा हालातों में अपनी इच्छा के अनुरूप नए मंत्री बनाने का विकल्प दे दिया है।
दो सौ तीस सदस्यीय विधानसभा में निर्धारित मापदंड (कुल सदस्य संख्या का अधिकतम 15 प्रतिशत) के अनुसार राज्य में अधिकतम 35 मंत्री हो सकते हैं, जिनमें मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। बैठक के बाहर निकलकर वन मंत्री उमंग सिंघार ने मीडिया से कहा कि सबकुछ ठीक होगा और वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भी कांग्रेस के साथ हैं।
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