छतरपुर। मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में एक युवती का अपहरण कर उसे एक माह से अधिक समय तक बंधक बनाने, सामूहिक दुष्कर्म करने और अन्य अत्याचार के सनसनीखेज मामले में पुलिस ने आज यहां प्राथमिकी दर्ज कर मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष अन्वेषण दल (एसआईटी) का गठन कर दिया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार 22 वर्षीय युवती मूल रूप से उत्तरप्रदेश के हरदोई जिले के सिब्बापुरवा-सधई-बेहटा गांव की निवासी है। इस मामले में छतरपुर जिले में पदस्थ एक पुलिस आरक्षक समेत नौ आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इनमें से दो आरोपी अज्ञात हैं। आरोपियों में से तीन ने युवती के साथ एक माह से अधिक समय के दौरान दुष्कर्म कर अनेक तरह की यातनाएं दीं। संजय तिवारी, महेंद्र तिवारी, बृजकिशोर तिवारी, मनीष, शिवदयाल, महेश, संगीता और दो अन्य के खिलाफ युवती की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। लगभग सभी आरोपी टीकमगढ़ जिले के खरौ निवासी बताए गए हैं।
सूत्रों ने कहा कि युवती बेहोशी की हालत में उत्तरप्रदेश के महोबा जिले में कल मिली थी। उसे वहां की पुलिस उत्तरप्रदेश की सीमा से सटे छतरपुर जिले के नौगांव स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाई। इसके बाद उसे बेहतर इलाज के लिए छतरपुर जिला अस्पताल लाया गया। युवती को होश आने पर इस मामले में आज यहां महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई।
सूत्रों ने प्राथमिकी में दर्ज शिकायत के हवाले से कहा कि युवती पिछले माह 17 मार्च को छतरपुर महिला थाने में उसके द्वारा दर्ज कराए गए एक आपराधिक मामले के सिलसिले में छतरपुर आई थी। वह 18 मार्च को रात्रि में लगभग नौ बजे छतरपुर में स्टेशन के बाहर फोन पर बात कर रही थी, तभी अजय तिवारी नाम का व्यक्ति आया और उसका फोन छीन लिया।
उसके साथ संजय तिवारी और अन्य लोग भी थे और इसके बाद उसे कार में बिठाकर ले गए। उसे इस दौरान अलग अलग स्थानों पर रखा गया और उसके साथ अत्याचार करते हुए दुष्कर्म किया गया। आरोपियों ने युवती को एक माह से अधिक समय बाद 26 अप्रैल को सुनसान इलाके में फेंक दिया। सूचना मिलने पर महोबा पुलिस सक्रिय हुई और युवती को कब्जे में लेकर अस्पताल पहुंची।
इस सनसनीखेज घटना का आज खुलासा होने के बाद छतरपुर जिला पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी और इससे शीघ्र ही जांच कर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। युवती अब भी बदहवास सी स्थिति में चिकित्सकों की देखरेख में है। बताया गया है कि आरोपियों में छतरपुर जिला पुलिस में पदस्थ एक आरक्षक भी शामिल हैं। इस घटना के कारणों का पता लगाने के लिए एसआईटी की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।