खरगोन। मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के करही थाना क्षेत्र के कतर गांव से लापता हुई तीन नाबालिग बहने कैरियर संबंधी महत्वाकांक्षा के चलते घर से चले गई थी।
पुलिस अधीक्षक धर्म वीर सिंह यादव ने बताया कि 13 और 15 वर्ष की दो सगी बहनें तथा 15 वर्ष की चचेरी बहन को अजमेर जिले के श्रीनगर से सुरक्षित ढूंढ कर गुरुवार को न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। जहां उनके कथन के उपरांत परिजनों को सौंप दिया गया।
उन्होंने बताया कि 30 अगस्त को स्कूल जाने के नाम पर निकली तीनों बहने बड़वाह स्थित बस स्टैंड पहुंची और वहां से बस से इंदौर जाने के बाद अजमेर जाने की बस में बैठ गई। घर नहीं लौटने पर परिजनों की सूचना पर अपहरण का मामला दर्ज कर उनकी तलाश आरंभ की गई थी और सोशल मीडिया पर तत्काल फोटो सहित सूचनाएं प्रसारित की गईं। उन्हें ढूंढे जाने पर 10,000 रुपए का इनाम भी उद्घोषित किया गया था।
उन्होंने बताया कि बड़वाह स्थित एक बस कंडक्टर और मोबाइल रिचार्ज करने वाले व्यक्ति ने उनके बारे में बताया। इंदौर पहुंचाने वाली बस के कंडक्टर ने पुलिस को बताया कि तीनों बहने दिल्ली जाने वाली बस के बारे में पूछ रही थी। इसके बाद पुलिस ने संबंधित बस के कंडक्टर और राजस्थान पुलिस को सूचित कर तीनों बहनों को श्रीनगर थाना क्षेत्र में सुरक्षित पहुंचा दिया।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि दरअसल तीनों अपने घर में होने वाले विवाद से परेशान थीं और अपरिपक्व मानसिकता के चलते मॉडलिंग की चकाचौंध भरी दुनिया में अपना कैरियर बनाना चाहती थीं। वे अपनी सहेलियों से भी अकसर कहती थी कि 5 साल बाद वह अलग ही नजर आएंगी। उन्होंने घर में सभी सदस्यों को संबोधित एक पत्र भी लिखा था जिसमें विभिन्न कारणों का उल्लेख किया गया था। उन्होंने बताया कि बालिकाओं को यह भी नहीं मालूम था कि उन्हें जाना कहां है।
करही के थाना प्रभारी परमानन्द गोयल ने बताया कि तीनों को आज न्यायालय के समक्ष पेश कर धारा 164 के अंतर्गत कथन कराए गए और आज शाम को ही परिजनों को सौंप दिया गया।