भोपाल। मध्यप्रदेश से राज्यसभा की पांच सीटों के लिए निर्वाचन में गुरुवार को केंद्रीय मंत्री थावरचंद गेहलोत और धर्मेंद्र प्रधान तथा तीन अन्य प्रत्याशी अजय प्रताप सिंह, कैलाश सोनी और राजमणि पटेल निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए गए।
निर्वाचन की प्रक्रिया के तहत दोपहर तीन बजे तक प्रत्याशियों के लिए नामवापसी का समय निर्धारित था। एक भी प्रत्याशी ने नाम वापस नहीं लिया और पांच स्थानों के लिए पांच प्रत्याशी चुनाव मैदान में होने पर पांचों के निर्विरोध निर्वाचन की औपचारिक घोषणा दोपहर बाद कर दी गई।
विधानसभा परिसर में बनाए गए राज्यसभा निर्वाचन कार्यालय में भाजपा प्रत्याशी एवं केंद्रीय मंत्री गेहलोत और प्रधान के प्रमाणपत्र उनके प्रतिनिधियों को दिए गए। वहीं भाजपा के दो अन्य प्रत्याशी सिंह तथा सोनी ने प्रमाणपत्र स्वयं हासिल किए। कांग्रेस प्रत्याशी एवं पूर्व मंत्री राजमणि पटेल भी अपना प्रमाणपत्र हासिल करने के लिए मौजूद थे।
इन पांचों प्रत्याशियों ने 12 मार्च को नामांकनपत्र दाखिल करने के अंतिम दिन यहां निर्वाचन कार्यालय में रिटर्निंग अधिकारी एवं विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह के समक्ष अपने नामांकनपत्र पेश किए थे।
अगले दिन 13 मार्च को इनकी जांच में सभी परचे विधिमान्य पाए गए। पंद्रह मार्च को दोपहर तीन बजे तक नामवापसी का समय निर्धारित था। इसके बाद पांचों प्रत्याशियों के निर्विरोध निर्वाचन की औपचारिक घोषणा शेष थी।
दो सौ तीस सदस्यीय विधानसभा में भाजपा और कांग्रेस के सदस्यों के मान से चार सीट भाजपा के खाते में और एक अन्य कांग्रेस के खाते में जाना तय था।
मध्यप्रदेश में पांच मार्च को पांच सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव प्रक्रिया निर्वाचन आयोग की ओर से अधिसूचना जारी होने के साथ प्रारंभ हो गई थी। राज्यसभा सदस्य थावरचंद गेहलोत, सत्यव्रत चतुर्वेदी, एल गणेशन, प्रकाश जावड़ेकर और मेघराज जैन का कार्यकाल 2 अप्रेल 2018 को समाप्त हो रहा है। इनमें चतुर्वेदी कांग्रेस से सांसद हैं, बाकी सभी भाजपा से चुनकर गए हैं। इस वजह से पांच सीटों के लिए राज्यसभा निर्वाचन कराए गए।