पन्ना। मध्यप्रदेश के पन्ना जिले की रत्नगर्भा धरती में उथली खदान से विगत दो माह पूर्व एक गरीब मजदूर को मिला 42.59 कैरेट वजन वाला नायाब हीरा खुली नीलामी में शनिवार को बिक गया।
हीरा कार्यालय के प्रांगण में भारी सुरक्षा के बीच कल हीरों की नीलामी शुरु हुई। इस नीलामी में उत्तरप्रदेश के एक कंपनी के राहुल अग्रवाल ने यह हीरा 6 लाख रूपए प्रति कैरेट की दर से 2 करोड़ 55 लाख रूपए में खरीदा है। यह सबसे कीमती हीरा दो माह पूर्व 9 अक्टूबर को मजदूर मोतीलाल प्रजापति को मिला था। हीरा बिकने के साथ ही यह मजदूर अब करोड़पति बन गया है।
इस नीलामी में कुल 161 नग हीरे रखे गए हैं, जिनमें 42.59 कैरेट वजन वाला यह नायाब हीरा भी शामिल था। पूरे देशभर से नीलामी में भाग लेने आए हीरा व्यापारियों के बीच जेम क्वालिटी का यह हीरा आकर्षण का केन्द्र था। सुबह 11 बजे से जैसे ही नीलामी की प्रक्रिया शुरू हुई, सभी व्यापारियों की नजरें इस नायाब हीरे पर टिकी हुई थीं।
राहुल अग्रवाल ने इस हीरे की सबसे ऊंची बोली 6 लाख रूपए प्रति कैरेट लगाई, फलस्वरूप यह उनके नाम कर दिया गया। हीरा अधिकारी संतोष सिंह ने बताया कि मोतीलाल को मिला हीरा 2 करोड़ 55 लाख रूपए में बिका है, जिस पर 12 फीसदी टैक्स काटकर शेष राशि हीराधारक मोतीलाल को प्रदान की जाएगी।
इस नायाब हीरे को खरीदने वाले राहुल का कहना है कि इस बेहद खूबसूरत हीरे को वे सहेजकर रखेंगे। जेम क्वालिटी वाले इस हीरे को खरीदने के लिए गुजरात, मुम्बई, दिल्ली व पंजाब से बड़ी संख्या में हीरा व्यापारी व अन्य कारोबारी आए हुए थे, लेकिन हीरे की सबसे ऊंची बोली राहुल ने लगाई।
पन्ना जिले के इतिहास में अब तक का यह दूसरा बड़ा हीरा है। इसके पूर्व लगभग 57 वर्ष पहले 15 अक्टूबर 1961 को महुआटोला की उथली हीरा खदान से रसूल मोहम्मद को 44.55 कैरेट वजन वाला जेम क्वालिटी का हीरा मिला था, जो अब तक का सबसे बड़ा हीरा है।
मोतीलाल प्रजापति को मिला हीरा 42.59 कैरेट वजन का है, जो दूसरा बड़ा हीरा है। लेकिन कीमत के लिहाज से शनिवार को बिका यह हीरा सबसे ज्यादा कीमती है, जिसने एक नया रिकार्ड बनाया है।