भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के घोषित नतीजों में किसी एक दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के बाद अब नई सरकार के गठन को लेकर कांग्रेस के अलावा भारतीय जनता पार्टी के नेता भी सक्रिय दिखाई दे रहे हैं।
बीती देर रात नतीजों के रुझानों में कांग्रेस सबसे बड़े दल के रूप में उभरता हुआ दिख रहा था, लेकिन सभी नतीजे घोषित होने के पहले ही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने राज्यपाल को पत्र लिखकर उनसे मिलने के लिए समय मांगा, ताकि वे कांग्रेस की सरकार बनाने के संबंध में दावा पेश कर सकें।
वहीं देर रात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने एक ट्वीट में कहा कि प्रदेश में कांग्रेस को जनादेश नहीं है। कई निर्दलीय और अन्य भाजपा के संपर्क में हैं। गुरुवार को राज्यपाल महोदय से मिलेंगे।
सिंह के ट्वीट के साथ ही भाजपा के वरिष्ठ नेता विनय सहस्त्रबुद्धे, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, कैलाश विजयवर्गीय और प्रदेश अध्यक्ष सिंह चुनाव नतीजों और नई सरकार के गठन के मुद्दे पर गहन मंथन करते रहे। ये नेता आज तड़के मुख्यमंत्री निवास से वापस लौटे और सुबह से फिर भाजपा नेताओं के बीच बैठकों का दौर और मंथन शुरू हो गया।
सूत्रों का कहना है कि पार्टी नतीजों पर मंथन के साथ ही एक बार फिर से सरकार बनाने के मुद्दे पर भी विचार कर रही है। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, वरिष्ठ नेता विवेक तन्खा, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के अलावा अन्य नेता भी प्रत्येक घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं।
वहीं आज शाम को यहां प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायकों की बैठक भी बुलाई गई है। 114 सीट हासिल करने वाली कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत (116)के लिए सिर्फ दो विधायकों की और 109 सीट हासिल करने वाली भाजपा को स्पष्ट बहुमत के लिए सात और विधायकों की आवश्यकता है।