भोपाल। मध्यप्रदेश के वित्त मंत्री जयंत मलैया ने बुधवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2018-19 के लिए वार्षिक बजट पेश किया। प्रदेश में पहली बार बजट दो लाख करोड़ रुपए से ऊपर है।
प्रदेश के चुनावी वर्ष में मौजूदा शिवराज सिंह चौहान सरकार के अंतिम वार्षिक बजट में दो लाख चार हजार 642़ 44 करोड़ रुपए की विनियोग राशि का प्रावधान किया गया है। इसमें एक लाख 86 हजार 685़ 24 करोड़ रुपए व्यय दर्शाया गया है। कर राजस्व में पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 18 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित की गई है।
बजट में किसान एवं कृषि क्षेत्र, सिंचाई परियोजनाओं, सहकारिता क्षेत्र और अन्य ढांचागत सुविधाओं पर विशेष जोर दिया गया है। कर्मचारियों के लिए भी कई घोषणाएं की गई हैं।
कृषि बजट के लिए 37 हजार 495 करोड़ रुपए से अधिक का प्रावधान किया गया है। विभागवार देखें तो सबसे अधिक 38 हजार 939 करोड़ रुपए का बजट अनुमान वित्त विभाग के लिए है।
इसके बाद स्कूल शिक्षा के लिए 21 हजार 724 करोड़ रुपए से ज्यादा दिए गए हैं।
ग्रामीण विकास विभाग के लिए 18 हजार करोड़ रुपए और किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग के लिए 17 हजार करोड़ रुपए से अधिक के प्रावधान किए गए हैं।
निवेश और बुनियादी सुविधाओं पर जोर
वित्त मंत्री जयंत मलैया ने पेश किए मौजूदा शिवराज सिंह चौहान सरकार के अंतिम वार्षिक बजट में बुनियादी सुविधाओं अौर प्रदेश में निवेश पर जोर दिया। बजट में वर्ष 2018-19 में उद्योगों के लिए निवेश प्रोत्साहन योजना के लिए 855 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
वहीं करीब दो हजार किलोमीटर लंबाई के राष्ट्रीय राजमार्गों का उन्नयन और भारत सरकार की भारतमाला योजना के अंतर्गत प्रथम चरण में भोपाल-इंदौर 6 लेन एक्सप्रेस वे और लगभग पांच हजार करोड़ रुपए की लागत से भोपाल बायपास बनाए जाने की सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई है।
भोपाल और इंदौर में इसी वित्त वर्ष में मेट्रो रेल परियोजनाओं के प्रथम चरण का लक्ष्य रखा गया है। स्मार्ट सिटी योजना के लिए 700 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा गया है। बजट में 532 सड़क और 38 पुल निर्माण नवीन मद के तौर पर प्रस्तावित हैं।
सौभाग्य योजना के तहत अक्टूबर 2018 तक शेष 26 जिलों के सौ फीसदी घरों को बिजली का कनेक्शन देने का लक्ष्य सरकार ने तय किया है।
वहीं पेयजल से जुड़ी बुनियादी सुविधाओं के लिए ग्रामीण क्षेत्रों को दो हजार 986 कराेड़ रुपए और शहरी क्षेत्रों को 691 करोड़ रुपए दिए जाने का बजट में प्रावधान किया गया है। स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के लिए दो हजार 234 करोड़ रुपए और शहरी क्षेत्रों के लिए 315 करेाड़ रुपए का प्रावधान है।