भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश का वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट समाज के हर वर्ग के कल्याण का बजट है। गरीब-कल्याण हमारा संकल्प है। माँ, बहन और बेटी के उत्थान के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।
मुख्यमंत्री चौहान प्रदेश का बजट प्रस्तुत होने के बाद विधानसभा परिसर में मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इन सब बिन्दुओं का ध्यान इस बजट में रखा गया है। यह सर्वसमावेशी और सर्वस्पर्शी बजट, सही मायने में जनता का बजट है।
प्रधानमंत्री मोदी के आत्म-निर्भर भारत के निर्माण के संकल्प की पूर्ति के लिए आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में यह बजट महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और प्रधानमंत्री के सपनों के अनुरूप एक वैभवशाली, गौरवशाली, सम्पन्न, समृद्ध और शक्तिशाली भारत के निर्माण में मध्यप्रदेश अपना अमूल्य योगदान देगा। ये अमृत काल में विकास और समृद्धि के अमृत की वर्षा का बजट है।
उन्होंने वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा और उनकी टीम को इस अद्भुत और अकल्पनीय बजट के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि बजट के लिए जनता की ओर से भी सुझाव आमंत्रित किए गए थे, जिसमें 4 हजार से अधिक सुझाव आए। प्रधानमंत्री मोदी ने जनता की जिन्दगी बदलने का संकल्प लिया है। यह उस संकल्प को पूरा करने का बजट है, इससे नई आशा और विश्वास जागेगा।
चौहान ने कहा कि संतुलित बजट में अधो-संरचना के लिए 56 हजार 256 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है, जो पिछले बजट से 15 प्रतिशत अधिक है। साथ ही जन-कल्याण तथा महिलाओं की बेहतरी पर केन्द्रित प्रावधान भी बजट में निहित हैं। मां-बहन, बेटी की बेहतरी के लिए एक लाख 2 हजार 976 करोड़ रूपए का प्रावधान महिला-कल्याण की दिशा में यह ऐतिहासिक कदम है। लाड़ली लक्ष्मी, कन्या विवाह निकाह, प्रसूति सहायता, गांव की बेटी योजना और महिला स्व-सहायता समूहों को बैंक से ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था के साथ ऋण का ब्याज भरने के लिए भी प्रावधान किया गया है।
चौहान ने कहा कि बजट में मुख्यमंत्री कौशल एप्रेंटिसशिप योजना के लिए 1000 करोड़ रूपए के प्रावधान से एक लाख युवाओं को लाभ मिलेगा। रोजगार के लिए एक लाख से अधिक पदों पर भर्ती की प्रक्रिया जारी है। साथ ही स्व-रोजगार की मुख्यमंत्री युवा उद्यम क्रांति योजना में पर्याप्त प्रावधान किया गया है। युवाओं के कौशल उन्नयन के लिए भोपाल में संत रविदास ग्लोबल स्किल पार्क बनाया जा रहा है। ग्वालियर, जबलपुर, सागर और रीवा में भी बड़े स्किल सेंटर्स स्थापित किए जाएंगे। प्रदेश में मुख्यमंत्री बालिका स्कूटी योजना आरंभ की जा रही है। शासकीय शाला में 12वीं कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली बालिका को राज्य सरकार की ओर से ई-स्कूटी प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों और कृषि के लिए 53 हजार 964 करोड़ रूपए का प्रावधान बजट में किया गया है। डिफॉल्टर किसानों का सहकारी समितियों का ब्याज राज्य शासन द्वारा भरने के लिए ढाई हजार करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी की ओर से किसानों को 6 हजार तथा राज्य शासन की ओर से 4 हजार रूपए का अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना में 3 हजार 200 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। जीरो प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराने के लिए अलग प्रावधान किया गया है। फसल बीमा योजना के लिए 2 हजार करोड़, बिजली बिलों पर सब्सिडी के लिए 13 हजार करोड़ तथा किसानों के लिए संचालित अन्य सभी योजनाओं में पर्याप्त प्रावधान किया गया है। इससे खेती को लाभ का धंधा बनाने में मदद मिलेगी।
चौहान ने कहा कि जनजातीय कल्याण के लिए 36 हजार 950 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है, जो पिछले साल से 37 प्रतिशत अधिक है। इसमें सिकल सेल मिशन के लिए 50 करोड़ रूपए का प्रावधान भी किया गया है। अनुसूचित जनजाति के लिए भी 26 हजार 87 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। पिछड़ा वर्ग, घुमंतु, विमुक्त, अर्द्धघुमंतु समुदाय के लिए बजट में विशेष रूप से प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा पर 38 हजार 375 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है, जो पिछले साल से 5 हजार 532 करोड़ रूपए अधिक है। उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा के लिए सीएम राइज स्कूलों के लिए प्रावधान और पीएमश्री योजना के राज्यांश के लिए 277 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इससे शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने में मदद मिलेगी।
चौहान ने कहा कि प्रदेश के खिलाड़ी खेल मैदान में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। खेलो इंडिया यूथ गेम्स में मध्यप्रदेश देश में तीसरे नंबर पर रहा है। खेल बजट तीन गुना बढ़ा कर, जिसमें 738 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में और बेहतर सुविधाओं के लिए 16 हजार 55 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इसमें से आयुष्मान भारत के लिए 953 करोड़ रूपए और नए मेडिकल कॉलेज भवनों के निर्माण के लिए भी पर्याप्त राशि दी गई है।
चौहान ने कहा कि सड़कों के लिए 10 हजार 182 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है, जिसमें पुलों के निर्माण और संधारण की राशि भी शामिल हैं। सिंचाई क्षमता हमें 65 लाख हेक्टेयर तक ले जानी है, इसके लिए 11 हजार 49 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। बिजली की अधो-संरचना को ठीक करने के लिए 18 हजार 302 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
चौहान ने कहा कि बजट में गाँवों के विकास, ग्रामोदय और नगरोदय के लिए पर्याप्त प्रावधान किया गया है। ग्रामीण विकास के लिए 24 हजार 443 करोड़ रूपए और प्रधानमंत्री आवास के लिए 8 हजार करोड़ रूपए का प्रावधान है। हमारा उद्देश्य हर गरीब को पक्की छत उपलब्ध करा कर उसके घर के सपने को पूरा करना है। नगरों के लिए 14 हजार 882 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। ग्रामीण अधो-संरचना के लिए 3 हजार 83 करोड़ रूपए का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य शासन ने अभिनव पहल करते हुए सोशल इम्पेक्ट बॉण्ड जारी करने का निर्णय लिया है। महिलाएँ, बहने, बच्चे, वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांगजन, निराश्रित और कल्याणी बहनों के लिए संस्थागत व्यवस्था बनाई जाएगी। इनके लिए रोजगार के अवसर सृजित करने की व्यवस्था के साथ महिला प्रशिक्षण केन्द्रों, नशामुक्ति केन्द्रों, मानसिक दिव्यांगजन कल्याण, पुनर्वास केन्द्रों की स्थापना की जाएगी। इस दिशा में सामाजिक महत्व के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत प्रतिष्ठित सामाजिक संगठनों के साथ मिल कर कार्य करने के लिए लगभग 1000 करोड़ रूपए के सोशल इम्पेक्ट बॉण्ड जारी किए जाएंगे। इसके लिए 100 करोड़ रूपए आउटकम फंड निर्मित किया गया है।
चौहान ने कहा कि अधो-संरचना और जन-कल्याण के साथ ही जीवन मूल्यों, परम्पराओं, संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। इस क्रम में सागर में संत रविदास जी का स्मारक, ओरछा में रामराजा लोक, चित्रकूट में दिव्य वनवासी रामलोक और सलकनपुर में देवी महालोक जैसी परियोजनाओं के लिए भी लगभग 358 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
भारत भवन में कला ग्राम, रामपायली में डॉ. हेडगेवार का संग्रहालय, ग्वालियर में हिन्दी भवन तथा पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के स्मारक का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि तीर्थ-यात्रा अब वायुयान से भी होगी। इसके लिए आवश्यक प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थ-व्यवस्था बनाने के संकल्प की पूर्ति के लिए मध्यप्रदेश को 550 बिलियन डॉलर की अर्थ-व्यवस्था बनाने में इस बजट का महत्वपूर्ण योगदान होगा।