भोपाल। मध्यप्रदेश की लगभग छह माह पुरानी कमलनाथ सरकार के आज विधानसभा में पेश किए गए पहले बजट में कोई नया कर नहीं लगाते हुए कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक आर्थिक क्षेत्रों को ध्यान में रखकर प्रावधान किए गए हैं।
वित्त मंत्री तरुण भनोत ने वर्ष 2019 20 के लिए विनियोग की कुल राशि दो लाख 33 हजार छह सौ पांच करोड़ रूपए के प्रावधान वाला बजट पेश किया। लगभग एक घंटे केे बजट भाषण में वित्त मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि सरकार अपने वचन पूरे करने के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाना चाहती है, लेकिन इसके लिए आबकारी, परिवहन और रेत संबंधी विभागों के राजस्व संग्रहण पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि देशव्यापी मंदी और केंद्र से राज्य को लगभग 2700 करोड़ रूपए कम मिलने के अनुमान के बावजूद सरकार अपने संसाधनों से ही बगैर कोई कर लगाए राज्य को विकास के पथ पर आगे ले जाना चाहती है।
बजट में किसानों की कर्जमाफी के लिए आठ हजार करोड रूपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि सरकार लगभग 20 लाख किसानों का कर्ज माफ पहले ही कर चुकी है। उन्होंने वचन के अनुरूप किसानों के कर्ज माफी की प्रतिबद्धता जताई।
भनोत ने अपने भाषण में कहा कि दो लाख 33 हजार छह सौ पांच करोड़ रूपए में से राजस्व व्यय के लिए एक लाख 78 हजार छह सौ 21 करोड़ रूपए और पूंजीगत व्यय के लिए 35 हजार चार सौ 63 करोड़ रूपए प्रस्तावित हैं। उन्होंने बताया कि सामाजिक आर्थिक उत्थान की योजनाओं के लिए वर्ष 2019 20 के लिए समग्र रूप से एक लाख 39 हजार सात सौ 74 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
बजट में गौसंवर्धन से जुडी योजनाओं के लिए 132 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए मैग्निफिसेंट मध्यप्रदेश का आयोजन इंदौर में आगामी 18 से 20 अक्टूबर तक करने की घोषणा की गई है। लैंड पूलिंग पॉलिसी का पॉयलट प्रोजेक्ट भी स्वीकृत करने की जानकारी इसमें दी गई है।
बजट में चंदेरी एवं महेश्वीरी साडियों के ब्रांडिंग की बात भी कही गई है। स्वास्थ्य से जुडे कार्यक्रमों के लिए दस हजार करोड रूपयों से अघिक का प्रावधान किया गया है। महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए पांच हजार करोड़ रूपए से अधिक का प्रस्ताव है। भोपाल इंदौर एक्सप्रेस वे समेत विभिन्न परियोजनाओं के लिए बजट प्रावधान हैं। मेट्रो रेल परियोजनाओ काे आगे बढाने की बात कही गई है।
ग्रामीण पेयजल केे चार हजार करोड रूपए से अधिक के प्रस्ताव हैं। कृषि क्षेत्र में 22 हजार करोड रूपए से अधिक के बजट प्रावधान किए गए हैं।