भोपाल। मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा उपचुनावों के लिए रात्रि नौ बजे तक घोषित 24 सीट के नतीजों में से 17 पर सत्तारुढ़ दल भारतीय जनता पार्टी और सात पर कांग्रेस काे विजय हासिल हुई है। शेष चार में से दो दो सीटों पर दोनों ही दलों के प्रत्याशी बढ़त बनाए हुए हैं।
चुनाव नतीजों से राज्य की सात माह पुरानी शिवराज सिंह चौहान सरकार को और मजबूती प्राप्त हुयी है। हालाकि सरकार के दो मंत्री ऐदल सिंह कंसाना और गिर्राज डंडोतिया क्रमश: सुमावली और दिमनी में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वियों अजब सिंह कुशवाह और रविंद्र सिंह तोमर से चुनाव में पराजित हो गए हैं। इन्हें क्रमश: 10 हजार से अधिक और 26 हजार से अधिक मतों से पराजय झेलना पड़ी है। इसके अलावा डबरा में भाजपा प्रत्याशी एवं महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरतीदेवी भी अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के सुरेश राजे से पीछे चल रही हैं।
उपचुनाव में कुल 12 मंत्रियों की प्रतिष्ठा दाव पर लगी थी। शेष नौ मंत्री अपने अपने क्षेत्र में विजयी हुए हैं। सांची से स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी 63 हजार से अधिक मतों से विजयी हुए हैं। इसके अलावा भांडेर में रोचक मुकाबला देखने को मिला, जहां कांग्रेस प्रत्याशी एवं पूर्व प्रदेश बसपा प्रमुख फूल सिंह बरैया भाजपा प्रत्याशी श्रीमती रक्षा संतराम सिरोनिया से मात्र 51 वोट से पराजित हो गए।
सुरखी से पूर्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत भाजपा प्रत्याशी के तौर पर विजयी हुए हैं। सांवेर में पूर्व मंत्री तुलसी सिलावट भी अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के प्रेमचंद गुड्डू से आगे चल रहे हैं। बदनावर से राज्य के मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव विजयी हुए हैं।
कुल 28 सीटों में से 25 पर संबंधित विधायकों के त्यागपत्र और 03 अन्य पर विधायकों के निधन के कारण उपचुनाव हुए हैं। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावों के अनुसार इन 28 सीटों में से 27 पर कांग्रेस का और एकमात्र आगर सीट पर भाजपा का कब्जा था।
दो सौ तीस सदस्यीय राज्य विधानसभा में वर्तमान में 201 विधायक हैं। इनमें से भाजपा के 107, कांग्रेस के 87, बसपा के दो, सपा का एक और चार निर्दलीय विधायक शामिल हैं। कुल 29 सीट रिक्त हैं, जिनमें से 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं।
दमोह सीट हाल ही में कांग्रेस विधायक राहुल सिंह के विधायक पद से त्यागपत्र देने के कारण रिक्त हुयी है। त्यागपत्र देने के बाद सिंह भाजपा में शामिल हो गए हैं। विधानसभा में सभी 230 विधायक होने की स्थिति में किसी भी दल को बहुमत साबित करने के लिए न्यूनतम 116 विधायकों की आवश्यकता है।
राज्य में जौरा, सुमावली, मुरैना, दिमनी, अंबाह, मेहगांव, गोहद, ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व, डबरा, भांडेर, करेरा, पोहरी, बमोरी, अशोकनगर, मुंगावली, सुरखी, मलेहरा, अनूपपुर, सांची, ब्यावरा, आगर, हाटपीपल्या, मांधाता, नेपानगर, बदनावर, सांवेर और सुवासरा विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए हैं।
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