Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
मध्यप्रदेश में लवजिहाद पर प्रतिबंध संबंधी अध्यादेश को मंत्रिपरिषद की मंजूरी - Sabguru News
होम Madhya Pradesh Bhopal मध्यप्रदेश में लवजिहाद पर प्रतिबंध संबंधी अध्यादेश को मंत्रिपरिषद की मंजूरी

मध्यप्रदेश में लवजिहाद पर प्रतिबंध संबंधी अध्यादेश को मंत्रिपरिषद की मंजूरी

0
मध्यप्रदेश में लवजिहाद पर प्रतिबंध संबंधी अध्यादेश को मंत्रिपरिषद की मंजूरी

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज यहां संपन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में लवजिहाद रोकने संबंधी धर्म स्वातंत्र्य अध्यादेश को अनुमोदित करने के बाद इसे स्वीकृति के लिए राज्यपाल के पास भेज दिया गया। राज्यपाल की अनुमति के बाद अध्यादेश कानून के स्वरूप में सामने आ जाएगा और यह तत्काल प्रभाव से लागू होने की उम्मीद है।

इसके पहले कल रात यहां चौहान ने एक कार्यक्रम के बाद मीडिया से कहा था कि विधानसभा का सत्र स्थगित होने के कारण धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 समेत जितने भी विधेयक हैं, उनके संबंध में अध्यादेश लाने का अनुमोदन मंगलवार को राज्य मंत्रिपरिषद की विशेष बैठक में किया जाएगा।

इस अध्यादेश में प्रावधान किया गया है कोई भी व्यक्ति दूसरे को प्रलोभन, धमकी, बल, दुष्प्रभाव, विवाह के नाम पर अथवा अन्य कपटपूर्ण तरीके से प्रत्यक्ष अथवा अन्य तरीके से उसका धर्म परिवर्तन या धर्म परिवर्तन का प्रयास नहीं कर सकेगा। कोई भी व्यक्ति धर्म परिवर्तन किए जाने का दुष्प्रेरण अथवा षड़यंत्र नहीं कर सकेगा।

किसी भी व्यक्ति के द्वारा इससे संबंधित अधिनियम का उल्लंघन करने पर एक साल से पांच साल तक के कारावास और 25 हजार रुपए का जुर्माना लगेगा। नाबालिग, महिला, अनुसूचित जाति, जनजाति के मामले में दो से दस साल तक का कारावास और कम से कम 50 हजार रुपए का अर्थदंड लगाने का प्रावधान है।

अपना धर्म छिपाकर (लवजिहाद) धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम का उल्लंघन करने पर तीन साल से दस साल तक के कारावास और 50 हजार रुपए अर्थदंड और सामूहिक धर्म परिवर्तन (दो या अधिक व्यक्ति का) का प्रयास करने पर 5 से 10 वर्ष के कारावास और एक लाख रुपए के अर्थदंड का प्रावधान किया गया है।

नए कानून में धर्म संपरिवर्तन (लवजिहाद) के आशय से किया गया विवाह शून्य घोषित करने के साथ महिला और उसके बच्चों के भरण पोषण का हकदार करने का प्रावधान भी किया गया है। ऐसे विवाह से जन्मे बच्चे माता-पिता की संपत्ति के उत्तराधिकारी होंगे।

धर्मांतरण के लिए होने वाली शादियों पर रोक लगाने के लिए प्रस्तावित धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम को कठोर बनाने के साथ कुछ ऐसे प्रावधान किए गए हैं, जो देश के किसी भी राज्य में अब तक नहीं हैं।

धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम का उल्लंघन करने वाली संस्था और संगठन को भी अपराधी के समान सजा मिलेगी। धर्मांतरण नहीं किया गया है, यह आरोपी को ही साबित करना होगा। अपराध को संज्ञेय और गैर जमानती बनाने के साथ उप पुलिस निरीक्षक से कम श्रेणी का अधिकारी इसकी जांच नहीं कर सकेगा।