भोपाल। मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव अब फिलहाल नहीं होंगे। राज्य सरकार ने पंचायत चुनाव कराने के संबंध में पिछले दिनों पेश किया गया अध्यादेश आज वापस लेने का निर्णय लेकर इस संबंध में प्रस्ताव राज्यपाल के समक्ष भेज दिया है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता एवं गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने आज यहां मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद पत्रकारों से चर्चा में यह जानकारी दी। इस अवसर पर पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया भी मौजूद थे।
डॉ मिश्रा ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने वह अध्यादेश आज वापस लेने का निर्णय लिया है, जिसके आधार पर राज्य में पंचायत चुनाव कराने की प्रक्रिया प्रारंभ हुई थी। यह प्रस्ताव अब विधिवत तरीके से राज्यपाल के पास भेजा जा रहा है। इसके बाद की कार्रवाई राजभवन और उसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग को करना है।
इस बीच आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि अब पंचायत चुनाव टलना तय है। मंत्रिपरिषद से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर राज्यपाल अपनी मुहर लगा देंगे और इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग के पास भी अध्यादेश वापस होने के बाद पंचायत चुनाव टालने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।
दरअसल पिछले दिनों राज्य सरकार पंचायत चुनाव कराने के संबंध में एक अध्यादेश लायी थी। इसमें परिसीमन और आरक्षण संबंधी प्रस्ताव के बारे में भी प्रावधान थे। इसी के आधार पर राज्य निर्वाचन आयोग ने राज्य की हजारों पंचायतों में चुनाव कराने का निर्णय लिया था।
दिसंबर माह में इसकी प्रक्रिया प्रारंभ हो गई थी, लेकिन कांग्रेस से जुड़े व्यक्ति इस मामले को लेकर उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय पहुंच गए और उच्चतम न्यायालय ने पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण भी समाप्त कर दिया।
इसके बाद से सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के नेताओं के बीच लगातार आरोप प्रत्यारोप और बयानबाजी चल रही थी। इस बीच राज्य सरकार ने साफ कर दिया था कि वह चाहती है कि ओबीसी को आरक्षण के बगैर पंचायत चुनाव नहीं होना चाहिए। इसके बाद आज सरकार ने मंत्रिपरिषद में पंचायत चुनाव कराने संबंधी अध्यादेश वापस ले लिया।
सनी लियोनी के ‘मधुबन में राधिका नाचे रे’ पर मध्यप्रदेश सरकार की चेतावनी