भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार का बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार गुरुवार को होगा और सुबह 11 बजे लगभग दो दर्जन मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई जाएगी।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार शपथ ग्रहण समाराेह के लिए राजभवन में तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर चुनिंदा और संबंधित लोगों को ही शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया गया है।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल नए मंत्रियों को शपथ दिलाएंगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री चौहान के अलावा भाजपा उपाध्यक्ष एवं प्रदेश प्रभारी डॉ विनय सहस्त्रबुद्धे, पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और अन्य नेता भी मौजूद रहेंगे।
विधानसभा में सदस्य संख्या के मान से राज्य में अधिकतम 35 मंत्री हो सकते हैं, जिनमें मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। वर्तमान में मुख्यमंत्री समेत छह मंत्री हैं। इस तरह अधिकतम 29 लोगाें को मंत्री पद की शपथ दिलायी जा सकती है, लेकिन माना जा रहा है कि कम से कम दो तीन पद हमेशा की तरह रणनीतिक तौर पर रिक्त रखे जाएंगे।
सूत्रों के अनुसार कम से कम 24 नेताओं को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है, जिनमें सिंधिया समर्थक नेताओं की संख्या लगभग दस है। उनके समर्थक गोविंद राजपूत और तुलसी सिलावट पहले ही राज्य मंत्रिमंडल में स्थान पा चुके हैं। शेष पदों के लिए भाजपा नेताओं के बीच दिल्ली और भोपाल में कई दौर की चर्चाएं हो चुकी हैं।
इस बीच प्रदेश भाजपा की ओर से जारी कार्यक्रम के अनुसार सिंधिया सुबह विशेष विमान से यहां राजकीय विमानतल पहुंचेंगे और वहां से सीधे राजभवन शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए जाएंगे। सिंधिया दिन में ढाई बजे प्रदेश भाजपा मुख्यालय पहुंचेंगे, जहां कुछ कांग्रेस नेता भाजपा की सदस्यता ग्रहण करेंगे।
इसके बाद सिंधिया सीधे मुख्यमंत्री निवास पहुंचेंगे, जहां वे उनके समर्थक 22 पूर्व विधायकों से अलग अलग चर्चा करेंगे। वे प्रत्येक पूर्व विधायक को 15-15 मिनट देंगे। वे रात्रि विश्राम गेस्ट हाउस में करने के बाद अगले दिन सुबह प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचेंगे। वे दिन में प्रदेश भाजपा सरकार के एक सौ दिन पूरे होने पर वर्चुअल रैली को संबोधित करेंगे।
सिंधिया इसके बाद कुछ समय और प्रदेश भाजपा कार्यालय में बिताकर राजकीय विमानतल (स्टेट हैंगर) जाएंगे और विशेष विमान से दिल्ली रवाना हो जाएंगे।
इस बीच आज रात्रि तक नए मंत्रियों के नामों को लेकर चर्चाएं चलती रहीं। सबकी निगाहें इस बात पर भी टिकी हुई हैं कि भाजपा के वरिष्ठ विधायकों में से कितने मंत्रिमंडल में स्थान पा सकते हैं। इसके अलावा माना जा रहा है कि मंत्रियों की शपथ के बाद विभागों का वितरण भी शीघ्र ही किया जाएगा।