भोपाल। मध्यप्रदेश मंत्रि-परिषद की बुधवार को हुई बैठक में भोपाल गैस पीड़ित और उनके बच्चों के लिए लीवर एवं किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध करवाए जाने का निर्णय लिया गया।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में यह बैठक संपन्न हुई। बैठक में लीवर ट्रांसप्लांट राज्य के अंदर या बाहर के, केन्द्र और राज्य के शासकीय चिकित्सालय से प्राप्त प्राक्कलन के आधार पर स्वीकृत किया जायेगा। किडनी ट्रांसप्लांट लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा राज्य बीमारी सहायता-निधि में स्वीकृत पैकेज पर आधारित होगा।
मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश राज्य तिलहन उत्पादक सहकारी संघ के 11 कर्मचारियों का लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में स्वीकृत एवं रिक्त पदों पर संविलियन करने का निर्णय लिया गया।
इसी तरह सुदूर आदिवासी अंचलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और अध्ययन-अध्यापन में तकनीक का प्रयोग कर शिक्षा के स्तर में सुधार करने के लिए 50 शैक्षणिक संस्थाओं को सेटेलाइट इंटरेक्िटव टर्मिनल (एसआईटी) केन्द्र बनाया गया है। मंत्रि-परिषद ने वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 तक के लिये इस योजना के निरंतर संचालन की स्वीकृति प्रदान की।
इसी क्रम में प्रदेश के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में जनजाति वर्ग के छात्र-छात्राओं के शैक्षणिक उत्थान के लिये संचालित ऐच्छिक संस्थाओं को शैक्षणिक व अन्य कल्याणकारी प्रवृत्तियों के लिये अनुदान सहायता योजना के वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 तक निरंतर संचालन और योजना के अंतर्गत रुपये 124 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रि-परिषद ने अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिये उत्कृष्ट शिक्षा केन्द्रों की स्थापना योजना के वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 तक निरंतर संचालन को स्वीकृति प्रदान की। इसके लिये रुपये 34 करोड़ 78 लाख स्वीकृत किए गए।
जनजातीय छात्र-छात्राओं को आवासीय सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए संचालित आश्रम योजना के वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 तक निरंतर संचालन की स्वीकृति भी प्रदान की गई। इसके लिये राजस्व मद में रुपए 903 करोड़ 14 लाख और पूंजीगत मद में रुपए 84 करोड़ 63 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई।
मंत्रि-परिषद ने राज्य-स्तरीय नेतृत्व विकास शिविर योजना को वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 तक के लिये निरंतर संचालन और इसके लिये 2 करोड़ 3 लाख 30 हजार रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई।
संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग योजना, सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना एवं महर्षि वाल्मिकी प्रोत्साहन योजना को वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 तक संचालन को निरंतरता प्रदान करने का निर्णय लिया गया।
छात्रवृत्ति (कक्षा-1 से 8) योजना के संचालन को वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 तक निरंतर रखने की स्वीकृति भी प्रदान की गई। मंत्रि-परिषद द्वारा अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं के अनुश्रवण, मूल्यांकन, सर्वेक्षण योजना के क्रियान्वयन को वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 तक निरंतर रखने का निर्णय लिया गया।
इसी प्रकार अनुसूचित जाति विकास अंतर्गत योजनाओं का प्रचार-प्रसार योजना को वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 तक निरंतर रखे जाने का निर्णय लिया। मंत्रि-परिषद द्वारा वित्त विभाग द्वारा क्रियान्वित उच्च शिक्षा ऋण पर ब्याज अनुदान योजना को स्वीकृति दी गई।
मंत्रि-परिषद ने सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग द्वारा अंध, मूक-बधिर शालाओं को अनुदान योजना की 2017-18 से वर्ष 2019-20 तक निरंतरता को भी स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रि-परिषद ने पन्ना जिले की पवई सिंचाई परियोजना का सैंच्य क्षेत्र 9,952 से बढ़ाकर 19 हजार 534 हेक्टेयर करते हुए 600 करोड़ 80 लाख 57 हजार रुपये की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की। रायसेन जिले की सेमरी मध्यम परियोजना के कुल सैंच्य क्षेत्र 5,700 हेक्टेयर के लिए 144 करोड़ 66 लाख 23 हजार रुपए की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रि-परिषद ने पशुपालन विभाग के अंतर्गत पशु प्रजनन प्रक्षेत्र योजना, मुर्गी-पालन प्रक्षेत्र योजना, ब्रुसिलोसिस रोग के नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम योजना, पशु चिकित्सालयों एवं पशु औषधालयों के सुदृढ़ीकरण, वत्स-पालन प्रोत्साहन योजना और मध्यप्रदेश पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय योजना को वर्ष 2019-20 तक निरंतर रखने के लिए अनुमति प्रदान की।