भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर प्रदेश की जनता से धोखा करने का आरोप लगाते हुए आज पार्टी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे आगामी विधानसभा उपचुनाव में उन्हें जवाब देने बूथ लेवल पर जाए और कांग्रेस के इस धोखे को जनता को बताएं।
भाजपा की यहां जारी विज्ञप्ति के अनुसार चौहान आज यहां पार्टी के प्रदेश कार्यालय में 30 से अधिक जिलों से आए कांग्रेस कार्यक्रर्ताओं को भाजपा की सदस्यता दिलाने के बाद उन्हें संबोधित करते हुए यह बातें कही। इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा मौजूद रहे।
सभी कार्यकर्ताओं को भाजपा का दुपट्टा पहनाकर पार्टी में शामिल किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ नेता कृष्णमुरारी मोघे, मंत्री तुलसी सिलावट, गोविन्द राजपूत सहित अन्य नेता भी उपस्थित रहे।
चौहान ने भाजपा की सदस्यता लेने वाले कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी ने अच्छा फैसला लिया है और वे सभी का हृदय से स्वागत करते हैं और बधाई देते हैं। उन्होंने कहा कि अब हम मिलजुलकर, एक टीम की तरह जनता की सेवा करेंगे। हम मिलकर मध्यप्रदेश को विकास की दृष्टि से नंबर 1 राज्य बनाएंगे। उन्होंने कांग्रेस पर कर्जमाफी सहित अन्य कई मुद्दों पर जमकर हमला किया।
सिंधिया ने भाजपा की सदस्यता ले रहे कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी संगठन की पूंजी केवल नेता नहीं, उसके कार्यकर्ता होते हैं। भाजपा में शामिल होने वाले यह नेता और कार्यकर्ता कई वर्षों से जनसेवा और क्षेत्र की जनता के दुख दर्द में साथ रहे। ये अपनी सारी पूंजी आज मुख्यमंत्री चौहान और प्रदेश अध्यक्ष शर्मा के हाथों में सौंप रहें है। उन्होंने कहा कि हम मिलकर भाजपा संगठन को मजबूत करेंगे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता पिछले 90 दिनों से आरोप लगा रहे हैं, लेकिन मुंह नहीं खोला। आज वे यह बताना चाहता हैं कि जब देश और प्रदेश कोरोना से जूझ रहा था, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उनके मंत्रिगण, मुख्यमंत्री चौहान और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सहित लाखों कार्यकर्ताओं के साथ दिन रात जनता की सेवा में लगे थे, तब कांग्रेस के नेता बाहर निकलकर जनता की सेवा करने के बजाए एसी कमरों में बैठकर आरोप लगा रहे थे। उन्होंने कहा कि इन नेताओं को मध्यप्रदेश की चिंता नहीं है।
इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्ता शर्मा ने राजमाता विजयराजे सिंधिया ने ज्योतिरादित्य सिंधिया में राष्ट्रवाद का जो बीजारोपण किया था, उसी के कारण सिंधिया ने प्रदेश की जनता के हक में निर्णय लिया। राजमाता ने भी मध्यप्रदेश की दूरावस्था करने वाली गोविन्द नारायण सरकार को गिरा दिया था, ठीक उसी तरह सिंधिया ने मध्यप्रदेश को बचाने के लिए कमलनाथ सरकार के विरूद्ध कठोर निर्णय लिया।