भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मानक अग्रवाल को आज पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया। इस मामले को लेकर सियासत गर्मा गयी है।
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर की ओर से अग्रवाल को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अनुशासन समिति की आज हुयी बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार उन्हेें कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्ष के लिए तत्काल प्रभाव से निष्कासित किया जाता है।
अग्रवाल ने हाल ही में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की मौजूदगी में हिंदू महासभा के ग्वालियर के एक पदाधिकारी के कांग्रेस में प्रवेश पर आपत्ति जताते हुए सार्वजनिक तौर पर बयान दिए थे। अग्रवाल के खिलाफ कार्रवाई को इसी घटनाक्रम से जोड़कर देखा जा रहा है।
इस बीच अग्रवाल ने यहां मीडिया से कहा कि वे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के निर्वाचित प्रतिनिधि हैं और उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी या केंद्रीय समिति ही कर सकती है। उन्होंने इस संबंध में कांग्रेस के संविधान का हवाला दिया।
दूसरी ओर भाजपा नेताओं के बयान भी आना प्रारंभ हो गए हैं। प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने ट्वीट के माध्यम से तंज कसते हुए लिखा है गोडसे के विरोध में और गांधी जी के समर्थन में बोलने पर कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता मानक अग्रवाल को पार्टी से बाहर निकाला। उन्होंने इसी से जुड़े एक अन्य ट्वीट में लिखा है कमलनाथ जी गजब शख्सियत हैं। जब मुख्यमंत्री थे, तब सरकार दिग्विजय सिंह चलाते थे। आज प्रदेश अध्यक्ष हैं, तो संगठन मिगलानी चला रहे हैं। परिणाम मानक अग्रवाल जैसे वरिष्ठ नेता धक्के खा रहे हैं।
वहीं प्रदेश भाजपा सचिव रजनीश अग्रवाल ने ट्वीट में लिखा है जो कांग्रेस के नेता कल तक अग्रवाल के बयान काे आंतरिक लोकतंत्र का उदाहरण बताकर अपनी पीठ थपथपाया करते थे, आज वे मुंह छिपा रहे हैं। उन्होंने लिखा है कांग्रेस में गांधी जी हार गए। गोडसे जीत गया।
दरअसल हाल ही में ग्वालियर निवासी हिंदू महासभा से जुड़े और महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की आराधना करने वाले बाबूलाल चौरसिया को हाल ही में यहां कमलनाथ की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता दिलायी गयी थी। इसका अग्रवाल के अलावा पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने भी विरोध किया था।