भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में भले ही अभी लगभग तीन महीने का समय बचा हो, लेकिन पिछली बार फिसल कर कांग्रेस के ‘हाथ’ लगीं सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने अभी से अपना रुख स्पष्ट करते हुए प्रदेश की कुल 230 में से चुनौती वाली 39 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर सभी को चौंका दिया है।
ये सभी 39 सीटें वहीं हैं, जहां पार्टी का पिछली बार कमजोर प्रदर्शन रहा। केंद्रीय चुनाव समिति की बुधवार को नई दिल्ली में बैठक के एक दिन बाद घोषित हुई इस सूची में 11 लोगों को पहली बार उम्मीदवार बनाया गया है। पार्टी ने इस बार कम उम्र के चेहरों पर भरोसा जताया है। पार्टी की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार गुरुवार को जारी सूची में 40 से कम उम्र के सात, 40 से 50 उम्र के 10, 50 से 60 उम्र के 13, 60 से 70 की उम्र के सात और 70 से ऊपर के मात्र दो उम्मीदवार हैं।
सूची के संबंध में पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि प्रदेश में ऐसे प्रत्याशियों का चयन हुआ है, जो आगामी 2023 के चुनाव में विजय का परचम फहराएंगे। उन्होंने कहा कि लगभग 14 लोग ऐसे हैं, जो 50 की उम्र से कम हैं। सूची में नए उम्र के नौजवानों, महिलाओं और अनुभवी कार्यकर्ताओं, सभी को स्थान दिया गया है।
भाजपा की सूची में जिस एक सीट पर सबका ध्यान केंद्रित हुआ, वो राजधानी भोपाल की उत्तर सीट है। ये सीट लगभग ढाई दशक से कांग्रेस के खाते में है। इस बार पार्टी ने एक बार फिर यहां से भाजपा के बड़े चेहरे आलोक शर्मा पर दांव लगाया है। वे भोपाल के महापौर भी रह चुके हैं। वहीं भोपाल मध्य से 10 साल बाद ध्रुव नारायण सिंह की वापसी हुई है। पिछली बार यहां से पार्टी ने सुरेंद्र नाथ सिंह को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन वे कांग्रेस के आरिफ मसूद से हार गए थे।
पार्टी ने सबलगढ़ से सरला विजेंद्र रावत, सुमावली से एदल सिंह कंसाना, गोहद (अजा) से लाल सिंह आर्य, पिछोर से प्रीतम लोधी, चाचौड़ा से प्रियंका मीणा, चंदेरी से जगन्नाथ सिंह रघुवंशी, बंडा से वीरेंद्र सिह लंबरदार और महाराजपुर से कामाख्या प्रताप सिंह को प्रत्याशी घोषित किया है। इसके अलावा छतरपुर से श्रीमती ललिता यादव, पथरिया से लखन पटेल, गुन्नौर (अजा) से राजेश कुमार वर्मा, चित्रकूट से सुरेंद्र सिंह गहरवार, पुष्पराजगढ़ (अजजा) से हीरा सिंह श्याम, बड़वारा (अजजा) से धीरेंद्र सिंह, बरगी से नीरज ठाकुर, जबलपुर पूर्व (अजा) से श्री अंचल सोेनकर, शाहपुरा (अजजा) से ओमप्रकाश धुर्वे, बिछिया (अजजा) से डॉ विजय आनंद मरावी और बैहर (अजजा) से भगत सिंह नेताम को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है।
लांजी से राजकुमार कर्राए, बरघाट (अजजा) से कमल मस्कोले, गोटेगांव (अजा) से महेंद्र नागेश, सौंसर से नानाभाऊ मोहोड़, पांढुर्णा (अजजा) से प्रकाश उइके, मुल्ताई से चंद्रशेखर देशमुख, भैंसदेही (अजजा) से महेंद्र सिंह चौहान, भोपाल उत्तर से आलोक शर्मा, भोपाल मध्य से ध्रुवनारायण सिंह, सोनकच्छ (अजा) से राजेश सोनकर और महेश्वर (अजा) से राजकुमार मेव को चुनाव मैदान में उतारने का फैसला लिया गया है।
इसके अलावा कसरावद से आत्माराम पटेल, अलीराजपुर (अजजा) से नागर सिंह चौहान, झाबुआ (अजजा) से भानू भूरिया, पेटलावद (अजजा) से निर्मला भूरिया, कुक्षी (अजजा) से जयदीप पटेल, धरमपुरी (अजजा) से कालू सिंह ठाकुर, राऊ से मधु वर्मा, तराना (अजा) से ताराचंद गोयल और घटिया (अजा) से सतीश मालवीय को उम्मीदवार बनाने का फैसला किया गया है।
भाजपा की इस पहली सूची में तीन पूर्व मंत्रियों पर एक बार फिर पार्टी ने भरोसा जताया है। गोहद से लालसिंह आर्य, छतरपुर से ललिता यादव और शाहपुरा से ओमप्रकाश धुर्वे पिछली सरकार में मंत्री रहे हैं। यादव पिछली चुनाव बड़ा मलहरा से लड़ीं थीं, जहां से उनकी पराजय हुई थी। हालांकि इस सूची में एक बड़ी संख्या उन्हीं चेहरों की है, जो पिछली बार चुनाव हार गए थे।
इस सूची ने उन सीटों पर भी पार्टी का रुख बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है, जहां कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे कांग्रेस के कद्दावर नेताओं का कब्जा है। भाजपा ने कांग्रेस के वरिष्ठतम नेता झाबुआ विधायक और पूर्व मंत्री कांतिलाल भूरिया के क्षेत्र पर भानु भूरिया पर दांव लगाया है। वहीं कांग्रेस के युवा चेहरे और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी के क्षेत्र में भाजपा ने वरिष्ठ नेता मधु वर्मा पर भरोसा जताया है। पिछली बार इस सीट पर भाजपा के जीतू जिराती प्रत्याशी थे।
सोनकच्छ से वर्तमान विधायक और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा को चुनौती देने के लिए भाजपा ने राजेश सोनकर पर दांव लगाया है। मुल्ताई से कांग्रेस विधायक सुखदेव पांसे और जबलपुर पूर्व से लखन घनघोरिया भी कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे हैं। इन दोनों के क्षेत्रों मेंं भी भाजपा ने अपनी पहली ही सूची में प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर क्रमश: चंद्रशेखर देशमुख और अंचल सोनकर को मैदान में उतारा है। भाजपा ने लांजी सीट से राजकुमार कर्राए पर भरोसा जताया है, यहां से कांग्रेस की कद्दावर नेत्री हिना कांवरे वर्तमान में विधायक हैं। सुश्री कांवरे कमलनाथ सरकार में विधानसभा उपाध्यक्ष रहीं हैं।
राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव नवंबर दिसंबर माह में प्रस्तावित हैं। इसके लिए औपचारिक कार्यक्रम अभी तक जारी नहीं हुआ है, लेकिन सत्तारूढ़ दल भाजपा ने लगभग दो तीन माह पहले प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर यह जताने की कोशिश की है कि वह किसी भी कीमत पर इस राज्य में सत्ता से दूर नहीं होना चाहती है। राज्य में वर्ष 2003 से दिसंबर 2018 तक भाजपा की सरकार रही। इसके बाद कांग्रेस की सरकार का गठन दिसंबर 2018 में हुआ और लगभग पंद्रह माह बाद मार्च 2020 में इसका पतन हो गया। इसके बाद एक बार फिर मार्च 2020 में भाजपा की सरकार बनी।
राज्य में मौजूदा सरकार के खिलाफ कथित सत्ताविरोधी रुझान (एंटी इंकंबेंसी फेक्टर) की सूचनाओं के चलते भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी सक्रिय हो गया है और माना जा रहा है कि उसने चुनाव संबंधी कमान सीधे अपने हाथों में ले ली है।
राजनीतिक प्रेक्षकों का कहना है कि विधानसभा चुनाव के ठीक बाद वर्ष 2024 में लोकसभा के आम चुनाव भी हैं। भाजपा के गढ़ माने जाने वाले इस राज्य में लोकसभा की 29 सीटों पर भी केंद्रीय नेतृत्व की नजर है। वर्ष 2019 के चुनाव में भाजपा ने 28 सीटों पर विजय दर्ज की थी। केवल छिंदवाड़ा सीट कांग्रेस के खाते में गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मध्यप्रदेश की हाल में यात्राएं हुयी हैं और वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी प्रदेश की दो तीन यात्राएं कर संगठन स्तर की महत्वपूर्ण बैठकें ले चुके हैं।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की 39 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी