ग्वालियर। मध्यप्रदेश में ग्वालियर में पांच दिवसीय तानसेन समारोह आज प्रारंभ हो गया। सुबह हरिकथा एवं मीलाद वाचन के साथ इसकी परंपरागत शुरुआत हुई। इस अवसर पर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एवं संगीत प्रेमी उपस्थित थे।
शहर के आध्यात्मिक गुरु ढोलीबुआ महाराज ने तानसेन की समाधि पर हरिकथा का वाचन किया और सर्वधर्म समभाव का संदेश दिया। उन्होंने प्रात:कालीन राग भैरवी में भजन गाए जिनका सार था कि दुनिया नाशवान है और परमात्मा ही एक मात्र सत्य है। इसके साथ ही हज़रत कामिल ने तानसेन की समाधि पर मीलाद वाचन किया और चादरपोशी कर तानसेन को खिराजे अकीदत पेश की।
इस मौके पर संगीत सम्राट तानसेन के आध्यात्मिक गुरु हजरत मोहम्मद गौस के मकबरे पर भी चादरपोशी की गयी। कार्यक्रम में मजीद खां एवं उनके साथियों ने पारंपरिक शहनाई वादन प्रस्तुत किया। इसके साथ ही पांच दिवसीय तानसेन समारोह की पारंपरिक शुरुआत हो गई।
तानसेन समारोह का औपचारिक शुभारंभ आज शाम 7 बजे से होगा। तानसेन की समाधि स्थल पर बनाए गए भव्य पंडाल में प्रदेश की संस्कृति मंत्री डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ एवं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि, ग्वालियर घराने के प्रख्यात गायक पं. विद्याधर व्यास को इस वर्ष के राष्ट्रीय तानसेन अलंकरण से विभूषित करेंगे। इसके साथ ही कर्नाटक के निनासम हेग्गोडु को राजा मान सिंह तोमर राष्ट्रीय सम्मान प्रदान किया जाएगा।
अलंकरण के पश्चात पं. विद्याधर व्यास का गायन होगा। उसके पश्चात जयपुर के मोईनुद्दीन खां का सारंगी वादन एवं प्रयागराज के प्रेम कुमार मलिक का ध्रुपद गायन होगा।