भोपाल। मध्यप्रदेश में चौदह माह पुरानी कमलनाथ सरकार पर आए संकट के बीच भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा सुबह विमान सेवा से भोपाल पहुंचे, वहीं दिल्ली में मौजूद वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं ‘नाराज’ ज्योतिरादित्य सिंधिया की खामोशी के बीच सभी की निगाहें उनके अगले कदम पर हैं।
राज्य की कांग्रेस सरकार पर कल शाम संकट उस समय गहरा गया, जब सिंधिया समर्थक माने जाने वाले राज्य के छह मंत्री और बारह विधायकों को दिल्ली और फिर वहां से बेंगलूरु में एकत्रित होने की सूचनाएं मिलीं। इन सभी विधायकों के मोबाइल फोन भी लगातार बंद हैं और उनके गनमैन भी साथ नहीं गए हैं। दूसरी ओर सिंधिया के कल दिल्ली में भाजपा के कथित तौर पर वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में रहने की सूचनाएं भी पहुंची हैं।
इस बीच प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता एवं सिंधिया के समर्थक पंकज चतुर्वेदी ने एक न्यूज चैनल से कहा कि दिग्विजय सिंह ने सिंधिया के स्वास्थ्य के बारे में क्या कहा, यह बात वे स्वयं बता सकते हैं। लेकिन कल टीवी चैनल पर सभी ने देखा कि सिंधिया स्वयं गाड़ी चलाकर अपने घर पहुंचे। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि राज्य में कांग्रेस और कांग्रेस सरकार में ‘ऑल इस वेल’ है। वे और अधिक बोलने से बचते हुए दिखाई दिए।
दूसरी ओर राज्य में फिलहाल मुख्य विपक्षी दल की भूमिका निभाने वाले दल भाजपा के वरिष्ठ नेता चौहान और मिश्रा आज सुबह दिल्ली से भोपाल पहुंचे और पार्टी नेताओं तथा कार्यकर्ताओं ने उनका शानदार स्वागत किया। हालाकि भाजपा भी अभी राज्य में पूरे घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रखने और संभलकर बोलने की रणनीति अपनाती हुई नजर आ रही है।
वहीं जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने सुबह अपने निवास पर मीडिया से चर्चा में दावा किया कि राज्य की कांग्रेस सरकार संकट से उबर जाएगी। मुख्यमंत्री कमलनाथ और पार्टी हाईकमान हल निकालने में लगे हुए हैं। होली के रंग में दिखाई दे रहे शर्मा ने दावा करते हुए कहा कि अब कांग्रेस को समर्थन देने वाले विधायकों की संख्या बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि राज्य के मंत्रियों के त्यागपत्र देने से अब राज्य में मुख्यमंत्री 34 मंत्री बना सकते हैं। इसके अलावा निगम मंडलों में 84 पद भी भरे जा सकते हैं। शर्मा ने उम्मीद जताते हुए कहा कि सब ठीक हो जाएगा।
होली के दिन भी आज शाम पांच बजे कांग्रेस विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक मुख्यमंत्री निवास पर बुलाई गई है। वहीं भाजपा विधायक दल की बैठक शाम सात बजे प्रदेश भाजपा कार्यालय में होगी। वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ कल शाम दिल्ली से अचानक भोपाल लौटे और उन्होंने तत्काल अपने सभी मंत्रियों, प्रमुख अधिकारियों और सहयोगियों को बुलाकर मुख्यमंत्री निवास में मैराथन बैठकें की।
लगभग 20 मंत्रियों ने अपने त्यागपत्र मुख्यमंत्री को सौंप दिए और कहा कि वे अपने हिसाब से नया मंत्रिमंडल गठन कर लें। लेकिन लगभग आठ मंत्री बैठक में मौजूद ही नहीं थे। कांग्रेस के सिंधिया समर्थक लगभग 18 मंत्री और विधायक भाजपा शासित कर्नाटक की राजधानी बेंगलूरु के एक होटल में सख्त पहरे में बताए गए हैं।