भोपाल। कोरोना संकटकाल के चलते मध्यप्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) की परीक्षाओं में व्यवधान के कारण ओवरएज हो चुके छात्र छात्राओं को राहत देने के उद्देश्य आज राज्य सरकार ने आयोग की परीक्षा में एक वर्ष के लिए आवेदकाें की अधिकतम आयु सीमा में तीन साल की वृद्धि का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वयं ट्वीट के जरिए इसकी जानकारी दी। इसके कुछ ही देर बाद राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से इस संबंध में विधिवत आदेश भी जारी कर दिया गया।
चौहान ने ट्वीट के जरिए कहा कि कोविड के चलते पीएससी की परीक्षाएं स्थगित होने से कई पात्र बच्चे ओवरएज हो गए थे। कई बच्चे मुझे मिले और उन्होंने आयुसीमा बढ़ाने का आग्रह किया। उन बच्चों के साथ न्याय हो सके, इसलिए पीएससी की परीक्षा में केवल 1 वर्ष के लिए आवेदक की अधिकतम आयु सीमा 3 साल बढ़ाने का फैसला हम कर रहे हैं।
चौहान ने सिलसिलेवार ट्वीट में लिखा है कि कोविड 19 के चलते पीएससी की परीक्षाएं न होने पर आवेदन के जो पात्र युवा आयु सीमा पार कर गए हैं, उनके साथ न्याय हो सके, इसलिए उनकी मांगों के आधार पर पीएससी की परीक्षा में केवल 1 वर्ष के लिए आवेदक की अधिकतम आयु सीमा 3 साल बढ़ाने का फैसला हम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री की घोषणा के कुछ ही देर बाद सामान्य प्रशासन विभाग की अपर सचिव शैलबाला ए मार्टिन की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया। इसमें जिक्र किया गया है कि राज्य शासन की सेवाओं में सीधी भर्ती से भरे जाने वाले पदों पर नियुक्ति के लिए निर्धारित अधिकतम आयु सीमा में तीन वर्षों की छूट प्रदान की जाती है।
इसमें यह भी कहा गया है कि कोविड के कारण विगत तीन वर्षों से भर्ती परीक्षाएं नियमित आयोजित नहीं की जा सकी हैं। इससे प्रभावित अभ्यर्थियों के हितों को ध्यान में रखकर यह आदेश जारी किया गया है।