इंदौर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने एक निजी अस्पताल के शव गृह में रखे एक बुजुर्ग के शव को चूहे द्वारा कतरे जाने के मामले में दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य शासन के पांच जिम्मेदारों को अविलम्ब जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश जारी किए हैं।
प्रशासनिक न्यायाधीश सुजॉय पॉल और न्यायाधीश शैलेन्द्र शुक्ला की युगलपीठ ने आज सुनवाई की। सुनवाई के दौरान याचिकर्ता के द्वारा जवाब प्रस्तुत किए जाने को लेकर किये जा रहे विलम्ब पर अदालत का ध्यान आकर्षित कराया गया।
इस पर राज्य सरकार की ओर से उपस्थित शासकीय अधिवक्ता से अदालत से पूछा शासन को साढ़े तीन माह पहले नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। आखिर क्या वजह है कि अब तक जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया है।
इस पर शासन के अधिवक्ता ने बताया कि इस मामले में मजिस्ट्रियल जांच की गयी है, जिसकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। रिपोर्ट मिलते ही जवाब प्रस्तुत करेंगे। इस पर अदालत ने आगामी 8 फरवरी तक जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश जारी किए हैं।
इससे पहले 20 सितंबर 2020 को कोरोना से संक्रमित एक व्यक्ति की उपचार के दौरान यहां अन्नपूर्णा रोड स्थित एक हॉस्पिटल में मृत्यु हो गई थी। अगले दिन 21 सितंबर को 87 वर्षीय मृतक के शव लेने परिजन अस्पताल पहुंचे थे।
यहां उन्होंने जब शव को देखा तो पाया की शव को बुरी तरह से चूहे ने कुतर दिया है। मृतक के परिजनों ने इस दौरान अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए थे। तब जिला कलेक्टर मनीष सिंह ने इस मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश जारी किए थे।
तद्पश्चात निजी और शासकीय अस्पतालों में शवों के प्रबंधन पर सवाल खड़े करते हुए मृतक के रिश्तेदार ने 30 अक्टूबर को उक्त जनहित याचिका दायर की है। याचिका में शवों के प्रबंधन और निगरानी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करते हुए, कोरोना काल के दौरान ऐसे मामलों में लापरवाह रहे अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। याचिका में इस मामले सात जिम्मेदारों से अदालत ने जवाब तलब किया है।