बालाघाट। मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले की एक अदालत ने अपने तीन दिन के नवजात बच्चे की गला घोटकर हत्या करने वाली एक महिला काे मामले का दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
न्यायाधीश दीपक कुमार अग्रवाल की अदालत में इस मामले की सुनवाई के बाद दोषी ठहराए जाने पर आरोपी मां रीना भगत को उम्रकैद के साथ पांच हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। बताया गया है कि महिला ने विवाह के छह माह बाद एक बच्चे को जन्म दिया और पति के संदेह करने पर बच्चे की गला घोंटकर हत्या कर दी थी।
अभियोजन के अनुसार चांगोटोला थाना अंतर्गत हिरबाटोला निवासी रीना भगत को विवाह के 6 माह बाद ही 11 नवंबर 2017 प्रसव दर्द उठने के बाद उसे जिला चिकित्सालय के ट्रामा सेंटर में प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था।
उसने एक स्वस्थ नवजात शिशु को जन्म दिया, किन्तु विवाह के 6 माह बाद ही पति चंचल भगत ने पत्नी के स्वस्थ शिशु के जन्म पर सवाल खड़े करते हुए बच्चे के डीएनए के जांच की बात कही थी।
इसके बाद बदनामी के डर से 14 नवंबर 2017 को ट्रामा यूनिट में भर्ती रीना भगत ने अपने ही नवजात शिशु की बडे ही शातिराना तरीके से गला घोंटकर हत्या कर दी थी। उसके द्वारा पति को बच्चे को मृत बताने का प्रयास किया गया।
किन्तु जन्मे बच्चे के डीएनए टेस्ट की चर्चा के बाद नवजात की मौत को लेकर पति चंचल भगत ने संदेह जताते हुए पुलिस से इसके पीएम की मांग की थी। जिसकी प्राथमिकी जांच और पीएम रिपोर्ट से साफ हो गया कि बच्चे की मौत स्वभाविक नहीं बल्कि उसकी गला दबाकर हत्या की गई है।
इसके बाद पुलिस ने इस मामले में नवजात शिशु की हत्या करने के मामले में आरोपी मां रीना भगत को गिरफ्तार कर मामले की संपूर्ण विवेचना उपरांत आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया गया था।
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