जबलपुर. केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) की जबलपुर पीठ ने एक पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) की याचिका पर मध्यप्रदेश सरकार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी एके गुप्ता ने एक मामले में खुद को पांच साल बाद आरोपपत्र जारी किये जाने तथा इस आधार पर प्रमोशन से वंचित किये जाने को चुनौती देते हुए याचिका दायर की गयी थी। कल इस मामले में फैसला देते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्यवाही पर रोक लगा दी है।
श्री गुप्ता की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि वह वर्ष 2012 में आईजी साईबर सेल थे। इस दौरान दो व्यक्तियों की गिरफ्तारी में लापरवाही बरतने के मामले में उन्हें जनवरी 2017 में आरोपपत्र दिया गया था। इसका जवाब उन्होंने मार्च 2017 में दे दिया, जिसके बाद उनके खिलाफ मामूली कार्यवाही के लिए नोटशीट जारी की गयी थी, लेकिन मुख्य सचिव ने नोटशीट में मामूली की जगह सख्त कार्यवाही करके लिख दिया। इसके चलते वह एडीजीपी पद पर पदोन्नति से वंचित रह गये। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता पंकज दुबे ने पैरवी की।