धार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में 15 साल बाद एक बार फिर ‘कांग्रेस कल्चर’ लौट आया है।
मोदी मध्यप्रदेश के धार जिला मुख्यालय पर भारतीय जनता पार्टी द्वारा आयोजित विजय संकल्प रैली को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार को किसानों, जवानों और नौजवानों की कोई चिंता नहीं है।
उन्होंने केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के संदर्भ में कहा कि इस योजना में मध्यप्रदेश के किसी किसान को राशि नहीं मिल सकी क्योंकि प्रदेश सरकार ने किसानों की सूची केंद्र को नहीं भेजी। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र को किसानों की सूची मिल जाती तो सरकार राशि उपलब्ध कराती।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के समय किसानों के नाम पर वोट मांगे। कर्जमाफी का वादा किया, लेकिन किसी का कर्जमाफ नहीं हुआ। उन्होंने बिना किसी का नाम लिया कहा कि जिन्हें पौधे और पेड़ में अंतर नहीं मालूम, वे कह रहे थे कि किसानों का कर्जमाफ नहीं होने पर मुख्यमंत्री ही बदल दिया जाएगा।
उन्होंने कांग्रेस सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश की जनता अब पूर्ववर्ती शिवराज सिंह चौहान और वर्तमान कांग्रेस सरकार में अंतर महसूस कर रही है। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि प्रदेश में 15 साल बाद ‘कांग्रेस कल्चर’ लौट आया है।
आतंकवाद के सरपरस्तों को दिया जा चुका है संदेश
मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर चेतावनी भरे लहजे में कहा कि आतंकवादियों और आतंकवाद के सरपरस्तों को बता दिया गया है कि वे अगर अब भी नहीं सुधरे तो उनका क्या किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि 14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले के बाद उनका 16 फरवरी का धार दौरा निरस्त हो गया था, लेकिन अब वे ऐसे समय में आए हैं, जब वायु सेना ने हमलावरों के घर में घुस कर उस हमले का मुंहतोड़ जवाब दे दिया है।
इसी क्रम में मोदी ने कहा कि भारत ने अब आतंकवादियों और उनके सरपरस्तों को डंके की चोट पर बता दिया है कि उनके पास सुधरने के अलावा और कोई चारा नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें बता दिया गया है कि वे अगर अब भी नहीं सुधरे तो उनके साथ क्या होगा। आतंकवाद के आकाओं को ये संदेश दिया जाना जरूरी था।
मोदी ने कहा कि एयर स्ट्राइक के बाद जब दुनिया भर में पाकिस्तान की बोलती बंद हो गई, तब ये महामिलावट वाले लोग उसकी इज्जत बचाने आगे आ गए। इसी क्रम में कोई सबूत मांगने लगा, कोई मारे गए आतंकवादियों की संख्या पूछने लगा और कोई पाकिस्तान को शांतिदूत बताने लगा।
उन्होंने कहा कि एक तरफ देश से प्यार करने वाले लोग एक हो रहे हैं और दूसरी तरफ नफरत में सारे मिलावटी लोग एकजुट होकर भारत के बाहर भी सहारा मांग रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये सभी हरकतें दुनिया भर में अपने पराक्रम का लोहा मनवाने वाली सेना का मनोबल कमजोर कर रही हैं।
इस दौरान उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह पर भी जमकर हमले बोले। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के एक नेता जवानों के सामर्थ्य पर सवाल उठाने में कुछ ज्यादा ही आगे हैं। उन्होंने पुलवामा के हमले को दुर्घटना बताया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नामदार परिवार के खास सिपहसालार इन नेता को ओसामा बिन लादेन भी शांतिदूत लगता था। इन्होंने मुंबई हमले की घटना में भी पाकिस्तान को क्लीनचिट देकर जांच की दिशा भटकाई थी।
मोदी ने पूर्ववर्ती केंद्र सरकार पर हमले बोलते हुए कहा कि आतंक के प्रति नरमी के कांग्रेसी रवैये के कारण पहले देश आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब नहीं दे सका था। उन्होंने कहा कि देश के सवा सौ करोड़ देशवासी आतंकवाद को जवाब देने में सक्षम हैं।